नई दिल्ली, 31 दिसंबर। अब जल्द ही विदित हो सकेगा कि विगत आठ दिसंबर को चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा वायुसेना की हेलिकॉप्टर Mi17V5 कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सरकारी सूत्रों की सूचना के अनुसार विवेचना के लिए गठित तीनों सेनाओं का संयुक्त दल सरकार को अपना प्रतिवेदन 31 दिसंबर को सौंप सकता है। जांच दल का नेतृत्व एयर-मार्शल मानवेंद्र सिंह कर रहे हैं, उनके सहयोग के लिए थल सेना और नौसेना के दो ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी भी दल में सम्मिलित किए गए हैं।

केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार एयर-मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व वाले जांच दल नें दुर्घटना की विवेचना कर विस्तृत प्रतिवेदन बना लिया है। विवेचना के दौरान ब्लैक-बॉक्स या उडान अभिलेखन यंत्र से प्राप्त आंकड़ों का गहन विश्लेषण किया गया है। सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक विवेचना से पता चला है कि दुर्घटना अचानक हुई थी। दुर्घटना की विवेचना के लिए मूल उपकरण के निर्माताओं से भी सहायता मांगी गई थी। ज्ञातव्य है कि इस दुर्घटना में देश ने अपने सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और सबसे लंबे समय तक सेना की सेवा करने वाले जनरल को खो दिया था।

एयर-मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में हुई विवेचना

गौरतलब है कि विगत दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा को बताया था कि एयर-मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीनों सेनाओं की एक टीम हादसे की जांच कर रही है। आठ दिसंबर को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज के विद्यार्थियों को संबोधित करने के लिए पूर्व निर्धारित यात्रा पर थे। उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्य अधिकारी भी Mi17V5 हेलीकॉप्टर में यात्रा कर रहे थे।

दुर्घटना में हुई थी CDS और उनकी पत्नी समेत 14 की मृत्यु

Mi17V5 हेलिकाप्टर ने आठ दिसंबर को पूर्वाह्न 11:48 मिनट पर वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी और इसे दोपहर 12:15 मिनट पर वेलिंगटन में उतरना था। दिन में 12:08 मिनट पर सुलूर वायु यातायात नियंत्रक का हेलिकाप्टर से संपर्क टूट गया था। बाद में कुन्नूर के पास जंगल में यह हेलिकाप्टर क्रैश हो गया था। इस दुर्घटना में हेलिकाप्टर में सवार कुल 14 लोगों में से 13 की मृत्यु आठ दिसंबर को ही हो गई थी। गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, यद्यपि उन्‍हें बचाया नहीं जा सका था।

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