नई दिल्ली, 08 दिसंबर। तमिलनाडु में बुधवार को खराब मौसम स्थितियों के चलते भारतीय वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत कुल 14 लोग सवार थे। सेना के विश्वस्त हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के इस दुखद समाचार से देश स्तब्ध रह गया और सवार अफसरों व CDS विपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधूलिका के जीवित होने की आशा के साथ प्रार्थना करने लगा। किंतु, अंततः सेना ने उनके निधन की दुख भरी पुष्टि कर दी। कृतिका और तारिणी ने माता पिता एक साथ खो दिए 

नीलगिरि और तमिलनाडु के बीच कुन्नूर के जंगल में हुए इस हादसे में सीडीएस उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों का निधन हो गया। उत्तराखंड से आने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले CDS की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। 

जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) थे। जनरल रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत परिवार में हुआ। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से थीं। इनके पूर्वज हरिद्वार जिले के मायापुर से आकर गढ़वाल के परसई गांव में बसे थे। परसारा के रावत की पदवी होने के कारण इनके पूर्वजों के नाम के आने रावत लिखा जाने लगा था। दरअसल गढ़वाल के राजपूत शासकों ने इन्हें यह पद दिया था। इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में करियर की शुरुआत की थी। रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शिक्षा ली। यहां उन्हें ‘शॉर्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। जनरल रावत फोर्ट लीवनवर्थ, अमेरिका में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंग्टन और हायर कमांड कोर्स के ग्रेजुएट भी रहे। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में एमफिल और मैनेजमेंट एवं कम्प्यूटर स्टडीज डिप्लोमा किया था।  उन्हें  2011 में सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ की ओर से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।


पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (61) को 2019 में देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया गया था। जनरल रावत 65 साल की उम्र तक इस पद पर रहने वाले थे।

घर में घुसकर मारते थे जनरल रावत, क्षमताएं जानती थी सरकार

मुश्किल हालात और इनसर्जेंसी वाले क्षेत्रों में काम करने के मामले में जनरल रावत की काबिलियत से सरकार अच्छी तरह परिचित थी। इसीलिए 2016 में दो वरिष्ठ अधिकारियों के स्थान पर उन्हें सेनाध्यक्ष बनाया गया था। । मणिपुर में जून 2015 को हमारी सेना पर आतंकी हमला हुआ था, 18 सैनिकों की शहादत से देश में उबाल था। उस दौर में संयोग से 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन रावत ही थे। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि भारत पर आंच आती है तो क्या होता है। इस यूनिट के पैरा कमांडो ने सरहद पार करके म्यांमार में ऑपरेशन किया और NSCN आतंकी ग्रुप के 60 से ज्यादा आतंकियों को उनकी मांद में ही घुसकर ढेर कर दिया।

पाकिस्तान की हरकतों का जवाब उन्होंने अपने अंदाज में दिया। 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की स्पेशल कमांडो यूनिट ने रातों-रात ऑपरेशन कर दिया। कई आतंकियों के साथ पाकिस्तान के सैनिक भी ढेर कर दिए। यह हमारे उरी और CRPF कैम्प पर हुए हमला का जवाब था।

मध्यप्रदेश के दामाद थे CDS बिपिन रावत
बिपिन रावत मध्यप्रदेश के दामाद थे, शहडोल जिले की सोहागपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक औऱ पूर्व राजघराने के कुंवर मृगेंद्र सिंह की बेटी मधूलिका रावत से उनका 1985 में विवाह हुआ था। मधूलिका रावत के पिता कुंवर मृगेंद्र सिंह विंध्य रीवा रियासत की सोहागपुर के जागीरदार थे।

ब्रिगेड कमांडर से CDS तक की यात्र तय की थी जनरल रावत ने

ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (GOC-C) सदर्न कमांड, जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, मिलिट्री ऑपरेशन्स डायरेक्टोरेट, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी एंड डिप्टी मिलिट्री सेक्रेटरी, सीनियर इंस्ट्रक्टर इन जूनियर कमांड विंग, कमांडर यूनाइटेड नेशन्स पीसकीपिंग फोर्स मल्टीनेशनल ब्रिगेड, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, आर्मी चीफ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

सैन्य सेवाकाल में मिले ये सम्मान

परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल

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