मध्यप्रदेश के खजुराहो में बागेश्वर धाम से कालीचरण की तड़के हुई गिरफ्तारी

रायपुर, 30 दिसंबर। छत्‍तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी को अपशब्‍द कहने के आरोपी कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया गया है। महात्मा गांधी को अपशब्द कहने के आरोपी कालीचरण महाराज की छत्तीसगढ़ पुलिस को कई दिनों से तलाश थी। उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कालीचरण महाराज के विरुद्ध बीते रविवार को रायपुर के टिकरापारा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने वाले बयान देना) और 294 के तहत मामला दर्ज किया गया था।  

रायपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने जानकारी दी है कि कालीचरण महाराज मध्यप्रदेश के खजुराहो से 25 किमी दूर बागेश्वर धाम के पास किराए के मकान में रह रहे थे। रायपुर पुलिस ने गुरुवार सुबह चार बजे कालीचरण को  गिरफ्तार कर लिया।

 प्राथमिकी होने के बाद भी संत कालीचरण महाराज ने कहा था कि उन्हें अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा था–मुझे महात्‍मा गांधी को गाली देने पर कोई खेद नहीं है। अगर मुझे फांसी भी मिल जाए तब भी मैं अपने सुर नहीं बदलूंगा। ज्ञातव्य है कि कालीचरण महाराज शिकव ताण्डव स्तोत्र के ओजपूर्ण गायन के लिए चर्चित हुए थे।

पुणे और ठाणे में भी कालीचरण के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज

पुणे में 19 दिसंबर को समस्त हिंदू अघाड़ी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में कालीचरण महाराज, मिलिंद एकबोटे, नंदकिशोर एकबोटे और तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हाल ही में महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी महात्मा गांधी को अपशब्द कहने, नाथूराम गोडसे का समर्थन करने और अतीत में अभद्र भाषा देने के लिए कालीचरण महाराज के विरुद्ध ठाणे के नौपाड़ा पुलिस स्टेशन में धारा 294, 295, 506 और 34 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।

 कालीचरण ने रायपुर की धर्मसंसद में गांधी जी को अपशब्दों के साथ गौडसे किया प्रणाम

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संत कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक शब्द कहते हुए कहा कि नाथूराम गोडसे ने बापू की हत्या कर सही कदम उठाया था। कालीचरण दास ने कहा था–इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है। हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया था। उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया था। मैं नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने गांधी की हत्या कर दी (अपशब्द)… इस पर लोगों ने तालियां भी बजाईं थीं।

धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने कहा था कि हमारा मुख्य कर्तव्य क्या है–धर्म की रक्षा करना। हमें सरकार में एक कट्टर हिंदू राजा (नेता) का चुनाव करना चाहिए, भले ही कोई भी हो। इसके आगे बोलते हुए कहा–हमारे घरों की महिलाएं बहुत अच्छी और सभ्य हैं और वे मतदान के लिए नहीं जाती हैं। जब सामूहिक दुष्कर्म होंगे तो आपके घर की महिलाओं का क्या होगा। महामूर्खों…मैं उन लोगों को बुला रहा हूं जो वोट देने के लिए बाहर नहीं जाते हैं।

 मैं कोई साधु-संत नहीं हूं, लोगों ने मुझे महाराज बना दिया

कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी के बाद उनका एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं, ”कोई साधु-संत नहीं हूं मैं, लोगों ने मुझे महाराज बना दिया।” रायपुर में एक साक्षात्कार के दौरान कालीचरण महाराज ने कहा था– मैं जैसे चाहूं कपड़े पहनता हूं, फैशन के रूप में मुझे काफी अच्छे लगते हैं। मैं टीशर्ट पहनता हूं, जरी वाले कपड़े भी पहनता हूं, जबकि साधु-संन्यासी सिले हुए कपड़े नहीं पहनते हैं। मैं अखाड़े जाता हूं, जिम जाता हूं, जिम का मुझे बहुत शौक रहा है और यह शौक मुझे मेरे सद्गुरु महाराज ने लगाया है। साक्षात्कार में कालीचरण महाराज ने कहा– मैं अक्सर अपने माता-पिता से मिलने 2-4 महीने में जाता रहता हूं। मैंने अपने माता-पिता को कभी छोड़ा ही नहीं। जब मैं 10 साल का था तब एक एक्सीडेंट हो गया था, पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया था। उसी समय काली मां ने प्रकट होकर पैर को जोड़कर उसे ठीक कर दिया था। तब से मेरे जीवन में अद्भुत परिवर्तन हो गया। उसके बाद से मैं काली मां का भक्त हो गया और लोगों ने मुझे महाराज बना दिया। मैं कोई साधु-संत, महात्मा या महापुरुष नहीं हूं।

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