








खुश रहना देश के प्यारो अब हम तो सफ़र करते हैं
नई दिल्ली, 10 दिसंबर। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका की पार्थिव देह को एक ही चिता पर अंतिम विदाई दी गई। दोनों बेटियों कीर्तिका और तारिणी ने एकसाथ उन्हें मुखाग्नि देकर अमग्निरथ पर सवार कराया। जनरल रावत ने जिनके साथ अग्नि को साक्षी मान सात फेरे लेते हुए सदा साथ रहने का वचन दिया था उसका अग्निरथ से स्वर्गारोहण तक निर्वाह किया।
देश के प्रत्येक हृदय को भावुक कर देने वाली जनरल रावत की अंतिम यात्रा में ऐसी भीड़ उमड़ी जैसी दिल्ली में किसी भी अंतिम यात्रा में नहीं देखी गई। रास्ते भर भारतवासियों ने पुष्पवर्षा की और शव वाहन के साथ-साथ तिरंगा लेकर दौड़े। अमर शहीद की अंतिम यात्रा में ‘जनरल बिपिन रावत अमर रहें’ और भारत माता की जय के जयघोष गूंजते रहे। यही गूंज अंतिम संस्कार के दौरान भी बनी रही।
तीनों सेनाध्यक्षों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनरल रावत को अंतिम श्रद्धांजलि दी। उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई और इस दौरान 800 जवान उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री समेत शाह और डोभाल भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे
जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।