रांची, 21 फरवरी। रांची स्थित विशेष सीबीआई न्यायालय ने बहुचर्चित चारा घोटाला से जुड़े डोरंडा कोषागारमामले में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा सुनाई है। न्यायालय ने लालू से र् 60 लाख अर्थदंड वसूल करने का भी आदेश दिया है।  लालू के वकील ने बताया कि वह अब जमानत के लिए आवेदन देंगे। ज्ञातव्य है कि जमानत मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा।

डोरंडा कोषागारमामले में विशेष सीबीआई न्यायालय ने 15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया गया था, साथ ही 24 अन्य को रिहा कर दिया गया था। न्यायालय ने मामले से जुड़े 36 आरोपियों  को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है, जबकि शेष दोषियों को सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई।

चारा घोटाला मामले में लालू को कुल 19 वर्ष का कारावास की सजा

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े अन्य चार मामलों में पहले ही कुल 14 वर्ष की सजा सुनाई जा चुकी है। चाईबासा कोषागार पहला मामला था जिसमें उन्हें पांच वर्ष का कारावास दिया गया था। यह मामला 37 करोड़ की अवैध निकासी का था। दूसरा मामला देवघर कोषागार से 79 लाख रुपये की अवैध निकासी का था, इसमें उन्हें तीन वर्ष छह माह का कारावास मिला थी, जबकि तीसरा मामला भी चाईबासा कोषागार से ही 33.13 लाख की अवैध निकासी का था जिसमें उन्हें पांच वर्ष की सजा हुई थी। इसके बाद दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी। 

1990-95 के बीच डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ की हुई थी अवैध निकासी

यह मामला लगभग 23 साल पुराना है। दरअसल 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस केस में सीबीआई विशेष अदालत ने 29 जनवरी को बहस पूरी कर ली थी।

डोरंडा कोषागार घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। जिसमें पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ढ़ोने की कहानी शामिल है। मामला 1990-92 के बीच का है। अफसरों और नेताओं ने फर्जीवाड़ा की नई कहानी ही लिख दी। फर्जीवाड़ा कर बताया गया कि 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया। यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले।

सीबीआई ने जांच में पयाा कि कई टन पशु चारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था। जांच में सामने आया कि 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदा गया। वहीं क्रॉसब्रिड की बछिया और भैंस की खरीद का करीब 84 लाख का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के प्रोपराइटर विजय मल्लिक ने की थी। इस घोटाले में हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी के आपूर्तिकर्ता संदीप मल्लिक पर भी भेड़ और बकरी के लिए 27 लाख 48 हजार रुपए भुगतान करने का आरोप है। 

सीबीआई ने कहा था-इसमें मंत्री कर्मचारी सब घोटाले में शामिल
सीबीआई ने विवेचना में कहा था कि यह व्यापक षड्यंत्र का मामला है। इसमें राज्य के नेता, कर्मचारी और व्यापारी सब भागीदार थे। इस मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र समेत राज्य के कई मंत्री गिरफ्तार किए गए थे।

लालू को चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है
ज्ञातव्य है कि लालू प्रसाद को अब तक करोड़ों रुपये के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। चारा घोटाले के देवगढ़, चाईबासा, रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी गई थी। इस मामले में 17 मई 2012 को केस में नया मोड़ आ गया। सीबीआई न्यायालय में आरजेडी सुप्रीमो पर दिसंबर 1995 और जनवरी 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से 3.13 करोड़ रुपए का मामला साबित हो गया। 30 सितंबर 2013 को चारा घोटाला मामले में कोर्ट ने लालू यादव को दोषी माना। लालू दुमका ट्रेजरी मामले में सजा होने के बाद जेल गए थे। वे 17 अप्रैल 2021 को जमानत पर बाहर आए थे। 

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