रांची, 15 फरवरी। सीबीआई के विशेष न्यायालय ने चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है। साथ ही 24 लोगों को इस मामले में बरी कर दिया गया है, 21 को सजा सुनाई गई है। बहुचर्चित 23 वर्ष पुराने चारा घोटाले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने 36 लोगों को 3-3 साल की सजा सुनाई है। न्यायालय लालू की सजा पर 21 फरवरी को फैसला सुनाएगा। आरजेडी सुप्रीमो को न्यायालय के दोषी करार देते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उनके अधिवक्ता ने जेल न भेजकर रिम्स में भेजने के लिए आवेदन दिया।
1990-95 के बीच डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ की हुई थी अवैध निकासी
यह मामला लगभग 23 साल पुराना है। दरअसल 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस केस में सीबीआई विशेष अदालत ने 29 जनवरी को बहस पूरी कर ली थी।
जानिये, बचने के लिए अपनाए गए थे कैसे-कैसे हथकंडे
डोरंडा कोषागार घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। जिसमें पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ढ़ोने की कहानी शामिल है। मामला 1990-92 के बीच का है। अफसरों और नेताओं ने फर्जीवाड़ा की नई कहानी ही लिख दी। फर्जीवाड़ा कर बताया गया कि 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया। यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले। सीबीआई ने जांच में पयाा कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था। जांच में सामने आया कि 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदा गया। वहीं क्रॉसब्रिड की बछिया और भैंस की खरीद का करीब 84 लाख का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के प्रोपराइटर विजय मल्लिक ने की थी। इस घोटाले में हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी के आपूर्तिकर्ता संदीप मल्लिक पर भी भेड़ और बकरी के लिए 27 लाख 48 हजार रुपए भुगतान करने का आरोप है।
सीबीआई ने कहा था-इसमें मंत्री कर्मचारी सब घोटाले में शामिल
सीबीआई ने विवेचना में कहा था कि यह व्यापक षड्यंत्र का मामला है। इसमें राज्य के नेता, कर्मचारी और व्यापारी सब भागीदार थे। इस मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र समेत राज्य के कई मंत्री गिरफ्तार किए गए थे।
लालू को चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है
ज्ञातव्य है कि लालू प्रसाद को अब तक करोड़ों रुपये के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। चारा घोटाले के देवगढ़, चाईबासा, रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी गई थी। इस मामले में 17 मई 2012 को केस में नया मोड़ आ गया। सीबीआई न्यायालय में आरजेडी सुप्रीमो पर दिसंबर 1995 और जनवरी 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से 3.13 करोड़ रुपए का मामला साबित हो गया। 30 सितंबर 2013 को चारा घोटाला मामले में कोर्ट ने लालू यादव को दोषी माना। लालू दुमका ट्रेजरी मामले में सजा होने के बाद जेल गए थे। वे 17 अप्रैल 2021 को जमानत पर बाहर आए थे।
लालू और पत्नी राबड़ी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का भी मामला
1998 में लालू और राबड़ी देवी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया। 9 जून 2000 को कोर्ट में लालू यादव के विरुद्ध आरोप साबित हो गए। अक्तूबर में उच्चतम न्यायालय ने झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद मामले को नए राज्य में ट्रांसफर कर दिया। लालू और राबड़ी को 2006 में आय से अधिक संपत्ति मामले में क्लीन चिट मिल गई थी।