ग्वालियर, 03 फरवरी। शहर से सटे आंतरी कस्बे के कछुआ गांव से 36 दिन पूर्व 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर दरिंदों ने उसे ट्रक में दो दिन रखा। इस दौरान उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया। निरंतर दुष्कर्म से परेशान किशोरी ने विरोध करते हुए घर जाने देने का आग्रह किया तो उसे गला घोंट कर मार डाला। आरोपी 14 दिन बाद पकड़े गए, उन्होंने बताया कि पीड़िता के शव को इटावा के पास चंबल के उस क्षेत्र में निर्वस्त्र कर फेंक दिया जहां मगर-घड़ियालों की घनी आबादी निवास करती है। पकड़े गए आरोपियों में से एक किशोरी का दोस्त था। उसी ने मिलने बुलाकार किशोरी का अपहरण कर लिया था। पुलिस ने चम्बल से प्रयागराज संगम तक किशोरी के शव को तलाश किया, आरोपियों को ले जाकर डमी शव चंबल में ठीक उसी जगह फेंका जहां से असली शव को फेंका गया था। किंतु, पुलिस को शव मिला न कोई दूसरा सुराग। जानकारों के मुताबिक शव नहीं मिला तो बेटी के अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने मशक्कत कर रहे पिता को निराशा हाथ लगने की आशंका है। यद्यपि विवेचक मानते हैं कि तलाश में हाथ लगा पीड़िता का मोबाइल फोन, उसका उपरि-वस्त्र और कुछ बालों के सहारे गुनाह कुबूल कर चुके आरोपियों को सजा दिलाई जा सकेगी। दोस्त के बुलावे पर हाईवे पहुंची किशोरी को जबरन ट्रक में बैठा दो दिन तक किया बलात्कार, पोल खुलने से बचने मार कर शव को फेंका चंबल के मगरमच्छ-घड़ियालों के बीच…

ग्वालियर में आंतरी से सटे कछौआ गांव की 14 वर्षीय किशोरी 27 दिसंबर 2021 को लापता हो गई थी। परिजन को तलाश के बाद भी कोई सूचना नहीं मिली तो आंतरी पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की तो ज्ञात हुआ कि किशोरी के पड़ोसी गांव बरगी की सराय के 22 वर्षीय अजीत पुत्र जगदीश रजक घनिष्टता थी। पुलिस ने किशोरी के मोबाइल की विवेचना की तो अजीत के साथ संप्रेषित कुछ पारस्परिक संदेश मिले। पुलिस ने रविवार को अजीत रजक को हिरासत में ले पूछताछ की तो भेद खुल गया। अजीत ने बताया कि 27 दिसंबर को किशोरी को हाइवे पर मिलने के लिए बुलाया था। यहां से वह किशोरी को ट्रक चालक साथी 22 वर्षीय आकाश बघेल के ट्रक में बैठा लिया। एक और साथी गोलू बघेल पूर्व से ही ट्रक में था। यहां से सब किशोरी को अपहृत कर उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद ले गए। दो दिन में ट्रक ने ग्वालियर-फर्रुखाबाद के दो चक्कर लगाए। इस दौरान अजीत ने नाबालिग के साथ कई बार बलात्कार किया, साथियों ने भी सहयोग किया। अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस उनकी तलाश मे जुटी हुई थी, और परिजन भी तलाश करते फर्रुखाबाद तक पहुंच गए थे। साथ ही किशोरी ने भी दुष्कर्म से त्रस्त हो कर डट कर विरोध प्रारंभ कर दिया था। फारूर्खाबाद से लौटते समय उसने अजीत से कहा कि उसे घर जाने दे नहीं तो पुलिस को शिकायत कर देगी। पकड़े जाने की आशंका से डरे हुए अजीत ने गला घोंटकर किशोरी की हत्या कर दी। तीनों आरोपियों ने मिलकर भिंड–इटावा सीमा पर उदी मोड से शव को चंबल नदी में फेंक दिया। वारदात की कहानी खुलने के बाद पुलिस ने अजीत के दोनों साथी आकाश और गोलू को भी गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस कर रही एसडीआरएफ व वन विभाग के साथ 36 दिन से तलाश

किशोरी का शव आरोपियों ने निर्वस्त्र कर चंबल में फेंके जाने का रहस्य खुलते ही एसएसपी अमित सांघी अपनी टीम के साथ चंबल पहुंचे थे। नदी में वोट उतरवाकर शव को तलाश करवाया गया, तलाश के 36 दिन बाद भी शव का कोई सुराग नहीं मिल सका है। यद्यपि जिस रजाई मे लपेटकर शव फेंका गया था वह, पीडिता की काले रंग की कुर्ती, माला के कुछ मोती औऱ रजाई में चिपके कुछ बाल  मिल गए हैं। पुलिस ने डमी शव को अपराध की पुनरावृति कराते हुए चंबल में उसी जगह फेंक कर उसके बहाव की दिशा और मगर-घड़ियालों का ग्रास बनने की आशंका की विवेचना भी की। उत्तर प्रदेश के इटावा से प्रयागराज तक चबंल के संगमों से संबंधित पुलिस को भी विवेचाना की जानकारी के साथ सहायता मांगी गई है। किंतु अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है।

शव नहीं मिला तो फांसी से बच सकते हैं आरोपी

पुलिस के बेसुराग रहने और जानकारों की शव को मगर-घड़ियालों का ग्रास बनने की आशंका से पीड़िता के पिता की निराशा बढ़ रही है। पिता बेटी के हत्यारे हैवानों को हर हाल में फांसी के अंजाम तक पहुंचाना चाहता है। कानून के जानकार मानते हैं कि पीड़िता शव नहीं मिला तो अपराधी फांसी से बच सकते हैं। यद्यपि विवेचना अधिकारी ने बताया है कि आरोपियों की अपराध स्वीकारोक्ति, आरोपी अजीत व पीड़िता किशोरी के मोबाइल-विवरण और किशोरी के बालों की फोरेंसिक विवेचना के आधार पर अपराधियों को सजा दिलाने की कोशिश की जा रही है।

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