ग्वालियर, 23 सितंबर। ग्वालियर के लिए बड़े निजी क्षेत्र के अस्पताल का सपना कांग्रेस दिग्गज माधवराव सिंधिया ने देखा था और गोले के मंदिर पर प्राइम लोकेशन की 20 एकड़ ज़मीन हॉटलाइन समूह के उद्योगपति मुकेश अग्रवाल को आवंटित की गई थी। इस ज़मीन पर मार्क के नाम से 1000 बिस्तर का अस्पताल प्रस्तावित था। अब इस ज़मीन पर विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने के लिए मेदांता समूह को राजी किया गया है। गुरुवार को संवाद माध्यमों से चर्चा करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि मेदांता की टीम के अक्टूबर के अंत तक ग्वालियर आने की उम्मीद है।
गुरुवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संवाद माध्यमों से चर्चा करते हुए ग्वालियर के विकास के लिए योजनाओं का पिटारा खोल दिया। सड़क से लेकर रेल, चंबल से पानी लाने से लेकर स्वर्ण रेखा नदी किनारे पर एलेवेटेड सड़क, और अपने पिता के 35 साल पहले देखा विश्व-स्तरीय अस्पताल के सपने की ताबीर, सभी सौगातें उनके पिटारे से निकलीं।
मार्क हॉस्पिटल की ज़मीन पर अस्पताल बनाने मेदांता राजी
गोला का मंदिर चौराहे पर 35 साल से प्रस्तावित मार्क हॉस्पिटल को अंचल के बड़े अस्पताल के तौर पर तैयार करने की योजना अंतिम रूप ले चुकी है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि मेदांता समूह के डॉ.त्रेहान यहां अस्पताल बनाने को तैयार हो गए हैं। इस ज़मीन पर मेदांता विश्व-स्तरीय अस्पताल बनाएगा जाएगा। सिंधिया ने बताया कि अक्टूबर के अंत तक मेदांता की टीम जमीन का सर्वे करेंगी, इसके बाद मेदांता जमीह को आवंट की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
ग्वालियर ही नहीं, दूसरे राज्य के लोगों को भी फायदा
ग्वालियर में अंचल के जिलों के अलावा मप्र, राजस्थान व उप्र के कई शहरों से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। इस अस्पताल के बनने पर इलाज की व्यवस्था बेहतर होगी। गोला का मंदिर चौराहे की करीब 20 एकड़ जगह पर 1986 से यह एक हजार बिस्तर का अस्पताल प्रस्तावित है। इसमें अब अस्पताल ब्लॉक के साथ मरीजों के अटेंडेंट के ठहरने के लिए हॉल-कमरे, कैंटीन, पार्किंग स्पेस आदि की सुविधा को ध्यान में रखकर कंस्ट्रक्शन प्लान तैयार होगा। अस्पताल में ग़रीब मरीजों के लिए भी रियायती दरों पर इलाज की शर्त मेदांता समूह के साथ रकी जाएगी।
- केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इन योजनाओं की दी जानकारी
- ग्वालियर पॉटरीज से मिली ज़मीन पर जयारोग्य चिकित्सा समूह के विस्तार के तौर पर बन रहे एक हजार बिस्तर के अस्पताल करीब 700 बिस्तरों का टॉवर-C बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इसका शुभारंभ किए जाने की योजना है।
- ग्वालियर को पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित किए जाने की योजना के तहत आसपास के पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर बुनियादी संरचनाओं का विकास पर्यटकों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए किया जाएगा। स्मार्ट सिटी अधिकारियों को सुझव दिया गया है कि शहर के सैकड़ों साल पुराने मोहल्लों, जिन्हें उनके नाम के साथ ‘ओली’ लगाकर पहचाना जाता है, उन्हें पुरातात्विक थीम पर विकसित किया जाएगा।
- स्वर्ण रेखा नदी के किनारे दो एलेवेटेड सड़क मार्ग विकसित किए जाएंगे। इसके लिए करीब 450 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इसके तहत एक मार्ग AVIIITM से लक्ष्मीबाई समाधि-स्थल तक और दूसरा लक्ष्मीबाई समाधि-स्थल से हनुमान बांध तक विकसित किया जाएगा।
- डीआरडीई की प्रयोगशाला को दूसरी जगह स्थानांतरित किए जाने के लिए 140 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गई है। जल्द ही 290 करोड़ रुपए की लागत से यह परियोजना प्रारंभ की जाएगी।
- ग्वालियर के रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण कर इसे एटरपोर्ट की तर्ज पर सर्व-सुविधायुक्त बनाने के लिए भी 250 करोड़ की परियोजना स्वीकृत हो चुकी है, अक्टूबर में इसे शुरू कर दिया जाएगा। ज्योतिरादत्य सिंधिया ने IRSDC के साथ आठ मीटिंग की तब जाकर परियोजना को अंतिम रूप दिया गया।
- हज़रत निजामुद्दीन से तिरुपति बालाजी के लिए सीधी ट्रेन शुरू की गई है, जिसका स्टॉपेज ग्वालियर में भी रका गया है।
- ग्वालियर-कोटा ब्रॉडगेज उन्नयन की 4500 करोड़ रुपए की परियोजना के लिए बजट आवंटन में आ रही परेशानियों की वज़ह से अब प्रारंभिक चरण में ग्वालियर से श्योपुर तक के लिए ही प्रथम चरण की परियोजना को पूरा किया जाएगा। इसके लिए 190 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया जा रहा है।
- शहर की बड़ी जनसंख्या के इस्तेमाल में आने वाली तानसेन रोड़ की चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके लिए बजट आवंटन किया जा चुका है।
- जेसी मिल्स के बंद होने से बेरोजगार हुए 710 कर्मचारियों को मिल की जमीन और आवासों के पट्टे दिए जाने के लिए सूची तैयार कर ली गई है, जल्द ही इन्हें पट्टे सौंप दिए जाएंगे।