ग्वालियर, 22 सितंबर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बुधवार रोड शो का काफिला देर शाम गोरखी स्थित देवघर पहुंचा। यहां उन्होंने सबसे पहले स्नान कर पूजा के विशेष परिधान पहने। इसके बाद अपनी कुलदेवी और कुलदेवता की पूजा की। इस दौरान उन्होंने सूफी संत मंसूर अली शाह की दरगाह पर अक़ीदत पेश की।
मंत्री बनने के बाद पहली बार पहुंचे कुल देवता के मंदिर
मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद पहली बार ग्वालियर आए सिंधिया रोड शो के बीच समय निकालकर शाम 7:00 बजे देवघर पहुंचे। यहां उन्होंने सिंधिया राजवंश के कुलदेवता की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। केंद्रीय मंत्री ने इसके साथ ही साथ ही सिंधिया राजवंश के रूहानी उस्ताद रहे सूफी संत मंसूर अली शाह की दरगाह पर भी अक़ीदत पेश करते हुए आशीर्वाद लिया। मंत्री बनने के बाद सिंधिया की पहली देवघर पूजा के लिए गोरखी स्थित इस पूजा घर को विशेष रूप से सजाया गया था। ज्ञातव्य है कि सिंधिया अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान विशेष मौकों पर यहां आशीर्वाद लेने आते रहते हैं।
कुलदेवता से लिया सच्चाई के पथ पर चलते हुए देश-प्रदेश के विकास का आशीर्वाद
सिंधिया ने देवघर में पूजा-अर्चना करने के बाद मंसूर शाह की दरगाह पर सेहराबंदी की और चादर चढ़ाई। इसके बाद वे करीब एक घंटे तक आशीर्वाद रूपी फूल गिरने के इंतजार में वहां ध्यान में लीन रहे। इस दौरान गोरखी देवघर के पंडित उन्हें पूजा में सहयोग करते रहे। गोरखी देवघर में इस दौरान किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। मंदिर परिसर में सिर्फ सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और इमरती देवी मौजूद रहे। पूजा-आराधना से निवृत्त होने के बाद सिंधिया बाहर आए और बताया–उन्होंने अपने कुलदेवी और कुलदेवता से आशीर्वाद लेने आए थे ताकि हम प्रगति और सच्चाई के पथ पर आगे बढ़ते रहें और देश एवं प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते रहें।