ग्वालियर, 05 जनवरी। जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र के रानी घाटी इलाके की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों की आबादी भरपूर जल-उपलब्धता के मौसम में भी प्यास बुझाने के लिए मीलों दूर आते-जाते हैं। इस इलाके में जमीन के 1000 फुट से भी अधिक गहराई तक पानी नहीं है। इसी वजह से यहां के सारे नलकूप व ट्यूबवैल सूख चुके हैं। बारिश होती है तो कुछ फसल हो जाती है। भीषण जलाभाव के कारण इलाके की सैकड़ों बीघा बंजर होती जा रही है।    

भितरवार के रानी घाटी इलके की आधा दर्जन ग्राम-पंचायतों के लोगों ने पानी की समस्या को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इनकी समस्या है कि क्षेत्र में जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। यहां 1000 फीट पर भी जमीन के भीतर पानी नहीं है। लोगों को सल भर पीने के लिए भी मीलों दूर से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ज़मीनों के बंजर होते जाने के कारण घर के पुरुषों को शहर में मजदूरी करनी पड़ रही है। परिणामस्वरूप महिलाओं को मीलों दूर से पीने का पानी लाने के यात्रा करनी पड़ती है।

महासम्मेलन में मांग आसपाल के बांधों से नहरो के रास्ते हो पानी की सप्लाई इलाके से सटे पेहसारी, ककैटो बांध और हरसी बांध की नहर से इलाके में पानी आ सकता है, लेकिन अभी तक सरकार ने इस विकराल समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया है। पानी की समस्या का स्थाई हल निकालने के लिए रानी घाटी में 6 ग्राम पंचायतों के लोगों ने एक महासम्मेलन किया। पुरुषों के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए रानी घाटी मंदिर के सामने ही विशाल पंडाल लगाया था। भाजपा सांसद विवेक शेजवलकर ने भी माना कि यह बहुत पुरानी समस्या है यहां पानी लाने के लिए पेहसारी बांध अथवा हरसी डैम से पानी लाने की योजना पर मंथन चल रहा है। सरकार के संज्ञान में भी इस समस्या को लाया गया है। जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

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