ग्वालियर, 06 जनवरी। सफाई कर्मियों की हड़ताल और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के बाद शहर को कचरा घर बनाने का खामियाजा निगम कमिश्नर संदीप माकिन को भुगतना पड़ा। निगम कमिश्नर की रवानगी के बाद पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप की स्थिति है। बुधवार को पिछले 6 दिनों से हड़ताल कर रहे सफाई कर्मियों के बीच जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे, और करीब 2 घंटे से ज्यादा चली बैठक में तय किया गया कि 5 सफाई कर्मचारियों के नेता और पांच प्रशासनिक अफसर मिलकर एक कोर कमेटी का गठन करेंगे। कोर कमेटी सफाई कर्मियों की विभिन्न समस्याओं पर ध्यान फोकस करेगी। जो समस्याएं तत्काल निपटने योग्य होंगी उनका समाधान तत्काल किया जाएगा, जबकि शेष के लिए समन्वय के आधार पर हल निकाला जाएगा। कमिश्नर को हटाए जाने से हड़कंप, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक पहुंचे हड़ताली सफाई कर्मचारियों के पास….

कलेक्टर प्रभारी निगम आयुक्त कौशलेन्द्र विक्रम सिंह और पुलिस अधीक्षक अमित सांघी बुधवार को हड़ताली कर्मचारियों के बीच फूलबाग पहुंचे और उन्होंने कर्मचारियों की बातों को संवेदनशीलता से सुना। इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि गुरुवार को बाल भवन में एक कैंप लगाया जाएगा, जिसमें सफाई कर्मचारियों के साप्ताहिक अवकाश, महिलाओं को प्रसूति अवकाश और वेतन जैसी समस्या का व्यक्तिगत रूप से निराकरण किया जाएगा। इसके बाद 10 लोगों की एक कमेटी मिलकर सफाई कर्मचारियों की सभी समस्याओं का एक-एक करके समाधान निकालेगी। बुधवार को शाम 4 बजे भी एक बैठक का आयोजन किया गया है।

सांसद के घर के सामने कचरा फिका तभी से शुरू हुई थी माकिन उल्टी गिनती     

कलेक्टर ने हड़ताली कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि आउटसोर्स कंपनी द्वारा यदि किसी तरह की वेतन देने में गड़बड़ी की गई है तो उसे टर्मिनेट भी किया जाकर FIR भी दर्ज कराई जा सकती है। बैठक में सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। ज्ञातव्य है कि सफाई कर्मियों ने अपनी वेतन संबंधी मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी थी, साथ ही शहर में जगह-जगह कचरा फेंक दिया था। यह मामला उस समय ज्यादा तूल पकड़ गया जब स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के घर के सामने सफाई कर्मियों ने कचरा फेंक दिया। सांसद द्वारा मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाये जाने के बाद गाज गिरना तय थी। सोमवार को कलेक्टर कमिश्नर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निगम आयुक्त संदीप माकिन को लापरवाह मानते हुए उन्हें हटाने के निर्देश जारी कर दिए।

सफाई कर्मचारियों ने भी प्रशासन का आभार जताया है। उनकी एक मांग है कि पूर्व निगम आयुक्त द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मामले को ही वापस लिया जाए इस पर भी कलेक्टर ने वैधानिक हल निकालने का आश्वासन हड़ताली कर्मचारियों को दिया है।

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