


ग्वालियर, 04 जनवरी। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा के गृह-नगर डबरा से सटे इलाकों में नियम-कानूनों को अंगूठा दिखाते हुए ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है। ऐसे ही एक भट्टे पर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से खेतों के रास्ते बिछाई गई कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन की नंगी केबल की चपेट में मजदूर के दो मासूम बेटे आ गए। उन्हें डबार के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
ग्वालियर जिले में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के गृह-नगर डबरा के आसपास इन दिनों ईट भट्टे और चिमनी प्लांट बड़ी संख्या में संचालित हो रहे हैं। ईंट कारोबारी भट्टों व चिमनियों के संतालन में सेफ्टी रूल्स समेत और भी कई तरह के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। इन भट्टों व चिमनियों के लिए यूं तो कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन लिए गए हैं, लेकिन इनके लिए केबल के नाम पर खेतों से होकर नंगे तार बिछाए गए हैं। जबकि नियमानुसार कॉमर्शियल कनेक्शन के लिए सुरक्षित बंद केबल का प्रयोग किया जाना चाहिए। सरेआम चल रही कॉमर्शियल बिजली की चोरी कर रहे व्यापारियों की लापरवाही ने रविवार को दो मासूमों की जान ले ली। मासूम शौच के लिए उधर गुजरे जहां भट्टों के लिए नंगे तार बिछे हुए थे। बहुत देर तक बच्चों के नहीं लौटने पर मजदूर मां-बाप ने दरियाफ्त की तो बच्चे खेत पर निश्चल पड़े मिले, पास ही में उनका लोटा लुढ़का हुआ था। करंट से मजदूर राम मिलन केवट के दो बच्चे 4 वर्ष के मनीष और 8 वर्ष के गणेश की मौत हो गई।
न औद्योगिक सुरक्षा और न ही श्रम कानून, ऊपर से बिजली भी चोरी की डबरा अनुभाग में बड़ी संख्या में ईंट भट्टे संचालित हैं, संचालकों ने हजारों की संख्या में बाहरी मजदूरों को लगा रखा है। रोजी-रोटी कमाने आए गरीब मजदूर परिवार समेत खुले आसमान के नीचे खेतों पर रहकर ईट बनाने का काम करते हैं। इनके लिए न कोई सुरक्षा व्यवस्था है, न ही उनके श्रम-अधिकारों की प्रशासनिक निगरानी। रिकॉर्ड मेंटेन नहीं होने के वजह से मजदूर परिवार भट्टा संचालकों के मनमाने सोषण को चुपचाप सहते रहते हैं। हादसा भी हो जाए तो कोई रिकार्ड न होने के कारण इन्हें मुआवजा भी नहीं मिल पाता है। भट्टा संचालक कुछ भी ले-देकर मामला सुलटा लेते हैं।