जबलपुर, 21 दिसंबर। सयबर क्राइम में फंसे बदमाशों को पकड़ने गए मध्यप्रदेश पुलिस के जबलपुर सायबर सेल के दो SI और एक कॉन्स्टेबल उत्तरप्रदेश में नोइडा पुलिस के चंगुल में फंस गए। दरअसल जबरपुर सायबर सेल की यह टीम नोएडा से जुड़े साइबर फ्रॉड मामले को रफा-दफा करने के एवज में 28.70 लाख रुपए वसूल चुके थे, लेकिन आरोपियों के खाते एक करोड़ देख लालच में आकर 20 लाख और मांगे। आरोपी पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता को भी ठगी के इस प्लान में शामिल कर लिया था, लेकिन फ्रॉड की आरोपी टीम ज्यादा शातिर निकली औऱ पुलिस SI की पिस्टल व नगदी लूट ली। पोल खुलने के डर से लुटी-पिटी सायबर पुलिस की टीम नें नोइडा में रिपोर्ट लिखाई औऱ फंस गई। नोइडा पुलिस ने MP के दो SI और एक कॉन्स्टेबल को रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

मैट्रिमोनियल वेबसाइट से 15 लाख की ठगी की करने गए थे जांच, पिस्टल लुटी और फंस गए

जबलपुर स्टेट सायबर सेल के SI पंकज साहू व राशिद परवेज खान और आरक्षक आसिफ अली मैट्रिमोनियल मामले की जांच के लिए नोइडा पहुंचे थे। ज्ञातव्य है कि मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए 2018 में जबलपुर के चंद्रकांत दुबे से उत्तरप्रदेश के शातिरों ने 15 लाख की ठगी की थी। इस मामले में आरोपी प्रदीप कुमार की गिरफ्तारी हुई थी। नोइडा व दिल्ली के तीन आरोपी अभी फरार चल रहे हैं। जबलपुर से सायबर सेल की टीम मामले में आरोपियों के खाते की छानबीन करने नोइडा सेक्टर-18 पहुंची थी। सायबर सेल ने प्रकरण की जांच के बाद नोएडा के सेक्टर-18 स्थित ICICI बैंक का खाता सीज कराया था। इस खाते में करोड़ों रुपए बताए गए। खाते की स्थिति देख इंवेस्टिगेटिंग टीम लालच में आ गई। खाते को फ्री कराने के लिए और आरोपी को बरी कराने का ऑफर दिया व एवज में रिश्वत मांगी थी। आरोपित ने खाते से रकम निकलवाने से पहले SI की सर्विस पिस्टल लूट ली और सारी पोल खुल गई। दरअसल लूट कांड में जबलपुर की टीम के लिए इधर कुंआ उधर खाई वाली स्थिति उत्पन्न कर दी थी। अगर वह इस लूट कांड के बारे अफसरों को नहीं बताते तो सर्विस पिस्टल की वापसी की कोशिश कैसे करते। अंततःलालच में लुटी-पिटी टीम को नोइडा में रिपोर्ट लिखानी पड़ी। स्थानीय पुलिस की छानबीन में इनकी कारगुजारी भी सामने आ गई और नोइडा पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। जबलपुर सायबर सेल के अधीक्षक ने उत्तरप्रदेश में गिरफ्तार टीम को निलंबित कर दिया है।

आजमगढ़ के रहने वाले हैं जालसाज
तीनों पुलिस कर्मियों के साथ गिरफ्त में आए पिस्टल लूटकांड के आरोपी सूर्यभान यादव और शशिकांत यादव उत्तरप्रदेश आजमगढ़ के रहने वाले हैं। सूर्यभान सेक्टर-12 में, जबकि शशिकांत गाजियाबाद के खोड़ा में रहता है। दोनों MCA हैं और पोंजी स्कीम के तहत लंबे समय से फ्रॉड कर रहे थे। नोइडा के सेक्टर-20 थाने की पुलिस ने मध्यप्रदेश की सायबर सेल की टीम व आरोपियों से मैकबुक व आठ मोबाइल जब्त कर ल़िए हैं।

सूर्यभान ने उगला पुलिस वालों की रिश्वत का राज
जब पुलिस ने सूर्यभान को पकड़कर पूछताछ की, तो पता लगा है कि जबलपुर पुलिस की टीम ने उन्हें फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी थी। इसके बाद 16-18 दिसंबर के बीच सायबर सेल जबलपुर की टीम ने अलग-अलग तरीके से 4.70 लाख रुपए कैश ले चुकी है। सूर्यभान ने पुलिस को बताया कि बिट क्वाइन सहित अन्य माध्यम से करीब 24 लाख रुपए पोंजी स्कीम मामले में शिकायतकर्ता चंद्रकांत दुबे को ट्रांसफर किया गया है। वही रकम फिर से साइबर सेल की टीम के आरक्षक आसिफ अली के खाते में ट्रांसफर किया गया है।

एडीजी स्टेट साइबर ने दिए प्राथमिक जांच के आदेश
एडीजी स्टेट सायबर सेल ए.साईं मनोहर ने मामले में प्राथमिक जांच के आदेश दिए हैं। भोपाल स्टेट साइबर सेल के एसपी गुरुकरन सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है, और 27 तक जांच रिपोर्ट मांगी है। आदेश में कहा गया हैं कि आरोपित पुलिस कर्मियों के अलावा अन्य अधिकारी या कर्मी की भूमिका मिलती है, तो उसे भी जांच में शामिल करेंगे। आदेश में 54 हजार की ठगी से संबंधित पूरा दस्तावेज जांच अधिकारी और नोएडा पुलिस आयुक्त व थाना सेक्टर-20 को उपलब्ध कराने को निर्देश दिया गया है।

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