ग्वालियर,19 दिसंबर।
निजी शिक्षण संस्थाओं के बढ़ते दखल का ग्रामीणों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ताजा मामला ग्वालियर की इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की विख्यात यूनिवर्सिटी आईटीएम से जुड़ा है। आईटीएम प्रबंधक पर स्थानीय रामनगर के रहने वाले कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने गांव में मुख्य सड़क को जोड़ने वाला रास्ता बंद करने की कोशिश शुरू कर दी है और वहां विश्वविद्यालय की बाउंड्री वॉल को खड़ा किया जा रहा है। जबकि यह आम रास्ता है कई बार मैनेजमेंट को परेशानी बताने के बावजूद जब आईटीएम मैनेजमेंट ग्रामीणों की बात नहीं समझा तो उन्होंने शनिवार को डबरा रोड पर जाम लगा दिया।

आनन-फानन में जिला प्रशासन के अफसरों को एस महिलाओं द्वारा किए गए चक्का जाम की जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के लोगों ने फिलहाल ग्रामीणों को समझा कर जाम को खुलवा दिया, लेकिन ग्रामीणों ने कहा है कि भविष्य में मैनेजमेंट द्वारा रास्ता रोकने की कोशिश की गई तो वे आंदोलन पर मजबूर हो जाएंगे।

महिलाओं का आरोप है कि आईटीएम यूनिवर्सिटी के लोग उनका नाम रास्ता बंद कर वहां बाउंड्री वाल का निर्माण करा रहे हैं जिससे उनका गांव में आने जाने का रास्ता पूरी तरह से रुक जाएगा विश्वविद्यालय का कहना है कि यह जमीन उनके स्वामित्व की है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन गोचर भूमि है इसलिए रास्ता रोका जाना कहीं से भी उचित नहीं है रास्ता जाम करने की वजह से हाइवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई आनन-फानन में सूचना जिला प्रशासन पर पहुंची और प्रशासन तथा पुलिस के लोग वहां पहुंच गए हैं महिलाओं का कहना है कि आईटीएम यूनिवर्सिटी का संचालक दबंग है और वह पहले भी ग्रामीणों को परेशान कर चुका है लेकिन ग्रामीणों की सुनने वाला कोई भी नहीं है ग्रामीणों ने करीब आधा घंटे से ज्यादा समय तक जाम रखा बाद में प्रशासन के अफसरों की समझाए पर उन्होंने जाम खोला और रास्ता निकालने की बात कही।

 

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