ख़बर ख़बरों की डेस्क, 05 दिसंबर। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ ने माइक्रोग्रैविटी में मात्र 27 दिनों में मूली की फसल उगा कर बड़ी सफलता प्राप्त की है। नासा के इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर मूली उगाए जाने से भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लाभ हो सकता है, क्योंकि उन्हें बोर्ड पर ताजा भोजन की नियमित आपूर्ति की उम्मीद जागी है। गुरुत्वाकर्षणहीनता को मात देने तकियों में उगाई गई मूली….

मूली की जड़ों को पानी और उर्वरक समान रूप से पहुंचाने के लिए गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण ‘तकियों’ में उगाया गया है। अंतरिक्ष स्टेशन पर उगी मूली की यह फसल पूरी तरह तैयार होते हुए इसके सेंपल धरती पर भेज कर परीक्षण किया जाएगा।

नासा की अंतरिक्षयात्री और फ्लाइट इंजीनियर केट रूबिन्स ने पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में उगाई गई मूली की फसल काटी है। केट ने मूली के 20 पौधों को पैककर 2021 में पृथ्वी पर लाने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रख दिया है।

27 दिन में तैयार मूली स्वादिष्ट भी है और पोषक भी

नासा ने इस एक्सपेरिमेंट का नाम प्लांट हेबिटेट-02 रखा है। मूली को स्पेस स्टेशन में उगाने के लिए इसलिए चुना क्योंकि वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद थी कि यह मात्र 27 दिन में तैयार हो जाएगी। अंतरिक्ष में गुरुत्वहीन परिस्थितियों में उगाई गई मूली में पोषक तत्व भी हैं और खाने में स्वादिष्ट भी है।

पहले गेहूं अब मूली, अंतरग्रही यात्राओं में ताजा भोजन उपलब्ध कराने की तैयारी

नासा ने इससे पहले इससे पहले अंतरिक्ष में गेहूं उगाया गया था। नासा की प्रोग्राम मैनेजर निकोल डुफोर के अनुसार, पत्तियों वाली सब्जियों में मूली अलग तरह की फसल है। अलग-अलग तरह की सब्जियां व फसलें उगाकर यह चेक किया गया जा रहा है कि यहां कौन से पौधे उगाए जा सकते हैं जो लम्बे समय तक अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सहायक सिद्ध हो सकें। नासा के अनुसार मूली को उगाने में बेहद कम देखभाल की जरूरत पड़ती है। अंतरिक्ष स्टेशन के जिस चैम्बर में इसे उगाया जाता है, वहां लाल, नीली और हरी और श्वेत एलईडी का प्रकाश पहुंचाया जाता है, ताकि पौधे की बढ़त अच्छी हो। अंतरिक्ष में उगाई गई मूली की तुलना फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर में उगाई गई मूली से की जाएगी।

सेंसर और कैमरों से की जाती है फसल की निगरानी

अंतरिक्ष स्टेशन के फसल चैम्बर में ऐसा तंत्र तैयार किया गया है तो समय-समय पर पौधे तक पानी पहुंचाता है। चैम्बर में कैमरे और 180 सेंसर लगे हैं, नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से पौधे की बढ़त पर लगातार नजर रखी जाती है। चैम्बर में कितनी नमी है, इसका तापमान कितना है और कार्बन डाई-ऑक्साइड का लेवल कितना है, यह भी लगातार चेक किया जाता है।

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