शिवपुरी 02 दिसंबर। शिवपुरी पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। मंगलवार शाम को अपहृत राजस्थानी रेवाड़ी मुंशीराम को डकैतों के चंगुल से छुड़ा लिया गया है। पुलिस ने शॉर्ट एंकाउटर में 12 घंटे पूर्व अपहत्त रेवाडी को तो मुक्त करा ही लिया, गिरोह का एक डकैत भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। हालांकि बैजू और उसके साथी बच निकले हैं, किंतु पुलिस इनकी तलाश में जंगल में सर्चिंग में जुटी हुई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक राजस्थान निवासी बैजू गुर्जर का गैंग मूलतः राजस्थान का है और शिवपुरी समेत सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय रहता है।

ज्ञातव्य है कि मंगलवार के देर शाम शिवपुरी के कोलारस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बीसभुजी माता के मंदिर से सटे जंगल में राजस्थान के सेवाराम रेवाड़ी के डेरे से मुंशीराम रेवाड़ी का अपहरण डकैत बैजू गुर्जर ने कर लिया था और 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। पाली राजस्थान के निवासी मुंशीराम की सूचना और फिरौती के लिए डकैतों ने उसके साथी गनपतराम जाट को छोड़ दिया था।

सुनाज वारी के जंगलों में गिरी गैंग तो अपहृत को छोड़ भागी

गनपतराम की सूचना पर तत्काल सक्रिय हुई पुलिस ने पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल के नेतृत्व में मंगलवार रात से ही डकैतों की घेराबंदी कर ली थी। सर्चिंग टीम में कोलारस, सुरवाया, खोड, तेंदुआ और कोलारस थानों का फोर्स लगाया गया था। पुलिस और डकैत उन्मूलन की टीमों ने सुनाज वीरा के जंगलों में रात भर कॉम्बिंग की। बुधवार अलसुबह गिरोह का पुलिस से सामना हो गया। पुलिस ने चेतावनी दी, लेकिन डकैतों ने फायरिंग शुरू कर दिया। पुलिस ने भी फायर किए। पुलिस से घिरने पर गिरोह मुंशीराम को छोडकर जंगलों में भाग गया। हालांकि गिरोह के एक डकैत पुलिस से हत्थे चढ़ गया है।

घेराबंदी जारी, जल्द होगा गिरोह का खात्मा

पुलिस की घेराबंदी औऱ सर्चिंग जारी है। पुलिस पकड़े गए डकैत से गिरोह के ठिकानों और सदस्यों के बारे में पूछताछ कर रही है। पुलिस को विश्वास है कि जल्द ही पूरा गिरोह पकड़ा या मारा जाएगा।

मंगलवार शाम हुआ था मुंशीराम का अपहरण

राजस्थान में पाली जिले के किशनपुरा गांव से अपने रेवड़ को लेकर आया चरवाहा 38 वर्ष का मुंशीराम रेवाड़ी अपने 50 वर्षीय साथी गनपतराम के साथ जंगल में भेड़ें चरा रहा था। अचानक तीन बंदूकधारी डकैत आ धमके। उन्होंने मुंशीराम व गनपत को बंदूक की नोक पर ले लिया और घंने जंगलों में खदेड़ लाए। बाद डकैतों ने गनपत छोड़ दिया और कहा कि इसे छुड़ाना है तो 10 लाख रुपए की व्यवस्था कर लेना। डकैतों ने मुंशीराम को हड़काते हुए बताया कि उससे सुभाषपुरा के जंगलों में पड़ाव के समय 5 लाख रुपए मांगे थे, लेकिन उस वक्त गच्चा देकर निकल गया था। अब 10 लाख रुपए मंगवा दे, नहीं तो जान गंवानी पड़ेगी। जंगल में गुम होने से पहले डकैत सरगना ने अपना नाम बैजनाथ उर्फ बैजू गुर्जर बताया।

गनपतराम को छोड़ कर मंगाई थी 10 लाख की फिरौती

अपहरण अपहरणकर्ता डकैतों के रवाना होते ही गनपत जंगल से पैदल कोलारस पहुंचा और घटना की सूचना कोलारस पुलिस को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलारस थाना प्रभारी संजय मिश्रा ने SDOP अमरनाथ वर्मा और शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल को वारदात की जानकारी दी। पुलिस बल तत्काल अपहरण स्थल पर पहुंच गया और डकैतों की तलाश में जंगलों की खाक छानी, जंगलों में पुलिस लगातार खोज कार्य में जुटी हुई है।

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