






ग्वालियर, 01 दिसंबर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार की ग्वालियर एसोसिएशन का विवाद नहीं थम रहा है। इसी सिलसिले में मंगलवार सुबह से ग्वालियर के जिला न्यायालय में दोनों ही गुटों के अधिवक्ता सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे हो गए, और पुराना विवाद मारपीट में बदल गया। एक पक्ष के लोगों ने अधिवक्ता पवन पाठक के मुंशी को अकेला पाकर जमकर पिटाई कर दी। हालांकि मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था, और घटना स्थल के समीप ही इंदरगंज पुलिस थाना भी है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार की ग्वालियर एसोसिएशन का विवाद दो महीने बाद बार के अध्यक्ष विनोद भारद्वाज ने चुप्पी तोड़ी और पवन पाठक को सचिव मानने से मना कर दिया, साथ ही उस साधारण सभा की बैठक को भी नियम विरुद्ध बताया जिसमें पवन पाठक को अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर सचिव बनाया था। जबकि सचिव पवन पाठक ने दूसरे पक्ष पर दोहरे बरताव का आरोप लगाया।
अधिवक्ताओं में एसोसिएशन के पदों का विवाद, पिट गया बेचारा मुंशी
मंगलवार सुबह दोनों गुटों के सैकड़ों अधिवक्ता जिला न्यायालय परिसर में इकट्ठे हो गए। तनाव की स्थिति देख आनन-फानन भारी पुलिस बल भी पहुंच गया। विवाद हो ही रहा था कि बार एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों ने सचिव पवन पाठक के मुंशी को इंदरगंज पुलिस थाने के पास चाय पीते अकेला देख लिया। पवन पाठक के प्रति आक्रोश का खामियाजा बेचारे मुंशी को भुगतना पड़ा, पदाधिकारियों के दूसरे गुट ने उसे घेर कर लातो-घूंसे से जम कर पिटाई कर दी। दूसरा पक्ष पुलिस थानों में FIR लिखाने के लिए अड़ा हुआ है।
यह है विवाद की जड़
दरअसल हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच सितंबर में विवाद हो गया था, जिसके चलते उपाध्यक्ष श्याम सिंह तोमर की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई। सचिव पवन पाठक के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर पद से हटा दिया गया था, उनका कार्यभार सहायक सचिव को सौंप दिया गया। विवाद उच्च न्यायालय भी गया, किंतु कोई हल नहीं निकला। 27 नवंबर 2020 को एक साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सचिव पवन पाठक के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी दी गई। इस सभा में करीब 600 वकील शामिल हुए थे। वकीलों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए पवन पाठक के खिलाफ पास अविश्वास प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। पवन पाठक को दोबारा सचिव घोषित किया। पवन पाठक को सचिव घोषित किए जाने के फैसले पर अध्यक्ष विनोद भारद्वाज ने चुप्पी तोड़ते हुए साधारण सभा की बैठक का नियम-विरुद्ध बताया, क्योंकि इस सभा की किसी पदाधिकारी से स्वीकृति नहीं ली गई न ही सभा बुलाने के लिए जिला न्यायाधीश से अनुमति ली गई। इसके अलावा अध्यक्ष ने कार्यालय में तोड़फोड़ का भी आरोप लगाया, और पुलिस को इसकी शिकायत भी की। दूसरी ओर बार एसोसिएशन के सचिव की हैसियत से पवन पाठक ने बार के अध्यक्ष को पत्र लिखा और बताया कि साधारण सभा ने वकीलों को पांच हजार रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने का निर्णय लिया है। दो लाख 40 हजार रुपये बांटे जा चुके हैं। एक दिसंबर से फिर से पैसे बांटना है। बैंक से पैसे निकालने के लिए चैक पर आपके हस्ताक्षर चाहिए। अध्यक्ष ने बैंक से चैक भुगतान पर रोक लगावा दी।
VO-जिला न्यायालय पर एकत्रित दिखाई दे रही इस भीड़ के गालीगलौज वाले व्यवहार से आप यह मत समझ लीजिये कि यह गंवार गुंड़ों का झुंड है। ये सभी अधिवक्ता हैं जो कानून विद माने जाते हैं, और पीड़ित के न्याय की लड़ाई लड़ते हैं। एसोसिएशन के पदों की लड़ाई में एक मुंशी को घेर कर पीटते दिखाई दे रहे ये लोग भी अधिवक्ता, बल्कि एसोसिएशन के पदाधिकारी बताए जा रहे हैं। देखिए, अधिवक्ताओं के आपसी विवाद में पुलिस की उपस्थिति में हुई मारपीट पर एक रिपोर्ट….