भिंड, 30 नवंबर। सोने के बदले लोन देने वाली एक फायनेंस कंपनी की भिंड शाखा में सोने की नकली मोहरों से गोल्ड लोन लेने पहुंचे दो आरोपियों पर फायनेंस कंपनी के मैनेजर को शक हुआ और दोनों को कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने दोनों युवकों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी है। सोना भी नकली पहचान  भी फर्जी….

भिंड के कोतवाली थाना इलाके में IIFL नाम की गोल्ड लोन फायनेंस कंपनी के मैनेजर अनुरुद्घ शर्मा ने बताया रविवार दोपहर करीब 12 बजे दो युवक सोने की चार मोहरें लेकर आए। एक ने अपना नाम नबी खान और दूसरे ने नौशाद खान बताया। पहचान पत्र मांगने पर नबी पुत्र नाथू खान निवासी चंदन पुरा का आधार कार्ड दिखाया। मैनेजर ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सोने की मोहरें गोल्ड लोन एप्रेजर रूपेंद्र भदौरिया को दिखाईं। रूपेंद्र ने मोहरों के 47.4 ग्राम वजन के आधार पर 1.5 लाख लोन का प्रोसेस किया। लेकिन मैटल चेक करने पर मोहरें नकली निकलीं। यह बात रूपेंद्र ने चुपचाप मैनेजर को बताई। शक होने पर आरोपियों के आधारकार्ड की बारीकी से जांच की गई तो उस फोटो किसी दूसरे व्यक्ति का मिला।

बातों में उलझा कर रोका तो भागने लगे आरोपी, सुरक्षा गार्ड ने पकड़ा

मैनेजर ने दोनों को बैठा कर बातों में उलझाया औऱ पुलिस को सूचित कर दिया। मैनेजर की गतिविधियों से आरोपी समझ गए कि ठगी की कोशिश नाकाम हो गई है। वह मौके देख कर भागने लगे तो सुरक्षा गार्ड ने दोनों पकड़ लिया। पुलिस ने आकर दोनों को गिरफ्तर कर लिया। पूछताछ में एक ने अपना नाम राजा राइन और दूसरे ने नौशाद खान निवासी सुभाष नगर गली नंबर-1, भिंड बताया।

50 किमी के दायरे में निवास करने वालों को ही मिलता है लोन फायनेंस कंपनी के मैनेजर ने पुलिस को बताया कि उनकी कंपनी शाखा के 50 किमी के दायरे में रहने वाले व्यक्ति को गोल्ड लोन देती है। लोन लेने वाला व्यक्ति गोल्ड लेकर आता है। उससे नाम पते की जानकारी के लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड की डिटेल ली जाती है। इसी KYC के आधार पर सोने की जांच के बाद उस पर लोन दिया जाता है। दोनों आरोपित नकली मोहरें लेकर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि ये मोहरें उन्होने खुद पीतल से तैयार की थीं और उन पर सोने की पॉलिश की थी।

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