मुरैना, 23 नवंबर। जिले का एक ग्रामीण किशोर करीब डेढ़ साल से शौच के लिए नहीं गया है, उसे कोई बीमारी या परेशानी भी नहीं है। यह भी नहीं कि वह कम खाता हो, 16 वर्षीय यह किशोर दिन में तीन बार जम के भोजन करता है। गरीब पिता ने बेटे को मुरैना ग्वालियर के कई डॉक्टर-वैद्यों को दिखाया, लेकिन कोई कुछ नहीं समाधान नहीं निकाल सका। khabarkhabaronki.com पर देखिये इस गजब किशोर की अजब कहानी….
मुरैना जिले के सबजीत का पुरा निवासी मनोज चांदिल का 16 वर्षीय बेटा आशीष यूं तो हर ग्रामीण किशोर की तरह ही है। उसे भी दिन में तीन बार भूख लगती है, भरपेट भोजन करता है, मनचाहे व्यंजनों का स्वाद भी लेता है, शौच करने 18 महीने से नहीं गया है। पहले कुछ दिनों तक परिजन ने इसे सामान्य तौर पर ही लिया, लेकिन दिन गुजरे, महीने बीते औऱ साल चला गया, लेकिन आशीष शौच के लिए नहीं गया तो मनोज चांदिल को चिंता हुई, और बेटे को मुरैना के जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ.योगेश तिवारी, चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ.बनवारीलाल गोयल, मल्टी-स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में पदस्थ गेस्ट्रो-इंटेरेलॉजिस्ट डॉ.सक्सेना, जेएएच के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.आरएलएस सेंगर सहित नीम-हकीम, वैद्यों को भी दिखाया। आशीष के पेट का एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और आंतों की जांच के नतीजे पूरी तरह सामान्य आए तो डॉक्टर्स भी अचंभे में पड़ गए। डॉक्टर्स ने महीनों मशक्कत की, लेकिन आशीष का मलोत्सर्जन नहीं करा सके।
तीन बार भरपेट भोजन, फिर भी न गैस बनी न पेट दर्द हुआ
सुबह नाश्ता, दोपहर और रात को भरपूर भोजन करने वाले आशीष को 18 महीने तक शौच नहीं जाने के बावजूद न कभी पेट में दर्द हुआ न गैस बनी। आशीष ने बताया कि वह तीनों समय भरपेट भोजन करता है। सब्जी-भाजी, दूध-दही, घी सभी खाता है, त्योहारों पर व्यंजनों के स्वाद भी लेता है, लेकिन कभी शौच की हाज़त महसूस नहीं हुई। प्रारंभिक दिनों में एकाध बार पेट में हल्की सी पीड़ा हुई किंतु वह भी अपने आप ठीक हो गई। बेटे आशीष की अबूझ परेशानी से दुखी पिता ने बताया कि डॉक्टर और वैध-हकीम कोई भी बेटे की परेशानी दूर नहीं कर सके, कई बार एनीमा लगवा. लेकिन आशीष को हाज़त नहीं हुई। विशेषज्ञों के अनुसार मेटाबॉलिज्म अधिक होने पर ऐसी समस्या होती है, हालांकि इसका समाधान कोई नहीं बता सका।