ग्वालियर, 23 नवंबर। शहर के जयारोग्य अस्पताल समूह के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शनिवार को हुई आग लगने की घटना के बाद ICU से शिफ्ट किए गए एक संदिग्ध मरीज की रविवार सुबह मौत हो गई। गुस्साए परिजन और साथियों ने सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के घर के बाहर शव रखकर ट्रैफिक जाम कर दिया। उनकी मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। परिजन की शिकायत है कि जिस पेशेंट की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई हो फिर अचानक उसे पॉजिटिव कैसे बता दिया गया। कोरोना से तो जंग जीत ली, सुपर स्पेशलिटी की लापरवाही से हारा जीवन का युद्ध….
बेचारा प्रदीप गौड़ कोरोना की जंग जीत कर बेहद खुश था, उसने परिजन व दोस्तों को बताया थी कि जल्द छुट्टी हो जाएगी, लेकिन 165 करोड़ के सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल में आग लगी और तीसरी मंजिल पर बने COVID-19 वार्ड में भगदड़ मच गई। प्रदीप के साथ क्या हुआ यह तो जांच बताएगी, लेकिन परिजन को सूचना मिली कि उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। अंततः कोरोना से जीते प्रदीप की मौत हो गई। शव को देखा गया तो प्रदीप के पैरों में कई जगह चोटों के निशान मिले, जो भागने पर ही आ सकते हैं। ज्ञातव्य है कि आगजनी की घटना के दिन शनिवार को मरीजों के बीच भगदड़ मची थी।
प्रदीप ने कहा था कि रिपोर्ट निगेटिव आई है छुट्टी होगी, फिर कैसे पहुंचा वेंटिलेटर पर ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक प्रदीप गौड़ अपने घर का एकमात्र कमाने वाला था, उसके परिवार की माली हालत भी चिंताजनक है। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की लापरवाही से प्रदीप गौड़ की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि प्रदीप ने कुध परिचितों से बात की थी और बताया था कि उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है, एवं छुट्टी कभी भी हो सकती है। किंतु आग लगने की घटना के बाद मिलने वाले जब अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि प्रदीप गौड़ को दूसरे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है, जबकि उसकी हालत ऐसी नहीं थी। उसने कई लोगों से जल्द छुट्टी के बाद घर आने की बात कही थी।
उपनगर ग्वालियर के SDM विनोद भार्गव ने मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। फिलहाल मृतक के परिजनों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है।