मुरैना 5 नवंबर। देश-प्रदेश की सरकारें बेटी बचाओ के नारे बुलंद करती रहें और योजनाएं बनाती रहें, लेकिन चंबल अंचल में आज भी बेटियों के प्रति नज़रिया बदल नहीं पा रहा है। मुरैना में मानवता को शर्मसार करने वाली ऐसी घटना सामने आई है, जिसने सारी सरकारी योजनाओं और जागरुकता प्रयासों को शून्य कर दिया। शर्मसार करने वाली घटना ने खुलासा कर दिया है कि बेटियां आज भी समाज पर बोझ ही समझी जा रही है।

मुरैना जिला अस्पताल में एक नवजात बच्ची का जन्म हुआ था। जन्म के बाद से ही उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, इसलिए उसे SNCU में रखा गया था। जैसे ही उसकी स्थिति में सुधार हुआ। तो अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे दूध पिलाने के लिए पिता को बुलाकर मां के पास ले जाने को कहा। इसके बाद जब SNCU में जब गिनती हुई तो बच्ची गायब मिली।

ड्यूटी स्टाफ ने रिकार्ड से पिता का मोबाइल नंबर लेकर उसे कॉल किया तो उसने बाताया कि बच्ची की तो मृत्यु हो चुकी है। प्रभारी डॉक्टर को इसकी सूचना दी गई तो समझबूझ के साथ बहाने से नवजात की मां व पिता को बुलावाया गया। पिता बच्ची को भी लाया, लेकिन वह मरी हुई थी औऱ उसकी नाक से खून के रिसाव के निशान बने हुए थे। डॉक्टरों ने तुरंत उस की प्रारंभिक जांच की, तो उसके नाक और चेहरे पर दबाने के निशान भी डॉक्टरों को नजर आए। इसके बाद बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में एकदम साफ हो गया,कि बच्ची की मौत गला दबाने से हुई है। डॉक्टरों ने भी बच्ची की हत्या किए जाने की आशंका जताई है। आनन-फानन कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई, पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। टैंटरा थाना क्षेत्र के बावड़ीपुरा निवासी पुलिस ने बच्ची के माता-पिता को मुरैना कोतवाली पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

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