परिजन ने FIR की मांग को लेकर किया थाने का घेराव के बाद देर रात FIR, अब तक कोई कार्रवाई नहीं  

ग्वालियर, 30 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट आशीष अग्रवाल के घर के सामने 29 अकटूबर को देर शाम उस समय हंगामा हो गया था जब ठेकेदार महेश सिंह परमार ने खुद पर कैरोसिन उड़ेलकर आग लगा ली थी। उसे गंभीर अवस्था में JAH ले जाया गया, बाद में बिड़ला अस्पताल में ले जाया गया। गंभीर हालत को देखते हुए महेश को दिल्ली रैफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान 3 नवंबर को महेश सिंह परमार ने दम तोड़ दिया।

महेश का मृत्यु पूर्व कथन तहसीलदार की मौजूदगी में दर्ज किए जाने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो परिजन ने FIR दर्ज कारने थाटीपुर थाना घेर लिया। मृतक के परिजन के समर्थन में सुमावली के पूर्व विधायक डॉ.सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू) भी पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठ गए। कई कांग्रेस और भाजपा की मुरैना इकाई के कार्यकर्ता भी थाने पहुंच गए। देर रात हंगामे के बाद पुलीस ने धारा 306, 34 के तहत आशीष अग्रवाल के विरुद्ध FIR दर्ज कर ली, लेकिन उसके विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।       

महेश सिंह परमार के परिजन ने 30 अक्टूबर को ही इस संबंध में पुलिस को शिकायत की थी। उस वक्त गंभीर रूप से झुलसे महेश ने आरोप लगाया था कि आशीष अग्रवाल की कंपनी HG Infratech पर उनका करीब 12 लाख रुपए का बकाया है, भुगतान के लिए वह करीब 6 माह से चक्कर लगा रहा ता। हालांकि आशीष अग्रवाल ने ऐसे किसी भी तरह का बकाया होने से साफ इनकार किया था। भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट के घर के सामने ठेकेदार ने खुद को लगाई आग, दिल्ली में दम तोड़ा….

उपनगर मुरार में शहीद गेट के पास भाजपा के प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट आशीष अग्रवाल के आलीशान आवास के सामने 29 अक्टूबर की शाम उस वक्त हंगामा हो गया था जब एक कंस्ट्रक्शन ठेकेदार महेश सिंह परमार ने अचानक खुद पर कैरोसिन उड़ेलकर आग लगा ली थी। आसपास जमा भीड़ ने उसे जैसे-तैसे बचाया था। परिजन उसे 70-80 फीसदी झुलसी हुई हालत में JAH ले गए थे, लेकिन मरीज की गंभीर हालत देख उसे बिड़ला अस्पताल ले जाया गया थी। यहां भी महेश की गंभीर हालत देख शुक्रवार 30 अक्टूबर को उसे दिल्ली ले जाया गया था, जहां महेश ने 3 दिन संघर्ष करने के बाद 3 नवंबर को दम तोड़ दिया।

मृत्युपूर्व बयान दर्ज हुआ फिर भी पुलिस ने नहीं लिया संज्ञान

शनिवार को पुलिस और तहसीलदार कुलदीप दुबे ने गंभीर रूप से झुलसे महेश के बयान दर्ज कर जांच की रस्म अदायगी की, लेकिन महेश की मृत्यु के बाद, उसके मृत्युपूर्व बयान के बावजूद पुलिस ने स्वतः संज्ञान नहीं लिया। हंगामे और घेराव के बाद पुलिस ने धारा 306, 34 के तहत आशीष अग्रवाल के विरुद्ध मामला तो दर्ज किया. लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

12 लाख बकाया मांगा तो मिले धक्के, अपमान की आग में खुद को लगाई आग 

महेश सिंह परमार के चाचा सुरेश सिंह राठौड़ ने बताया कि अजय ने आशीष अग्रवाल की HG Infratech के लिए मुरार से सटे बड़ा गांव की किसी साइट पर टाइल्स का काम किया है। जनवरी 2020 में उसने 12,69,555/- का रुपए बिल बनाकर कंपनी को दिया, लेकिन लगातार चक्कर लगाने के बावजूद उसका भुगतान नहीं किया गया। सुरेश सिंह राठौड़ के मुताबिक महेश 29 अक्टूबर को फिर HG Infratech के डाइरेक्टरआशीष के पास पहुंचा औऱ अपना बिल देकर भुगतान कराने की अनुनय विनय की। महेश के चाचा सुरेश का आरोप है कि बिल भुगतान की सुनवाई की जगह उसे गालीगलौज कर धकियाते हुए बाहर निकाल दिया गया। सुरेश सिंह के अनुसार महेश 12 लाख रुपए से भी ज्यादा पैसा फंसा होने से पहले ही परेशान था, इस मानसिक हालत में गालीगलौज और महेश धकियाए जाने की बेइज्जती सहन नहीं कर सका और आत्मदाह कर लिया।

आशीष अग्रवाल–कोई बकाया नहीं, बल्कि मुझे कर रहे ब्लैकमेल

इस संबंध में आशीष अग्रवाल ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उनकी कंपनी पर इस तरह का कोई बकाया नहीं है, महेश ने किसी के बरगलाने पर यह कदम उठाया है। आशीष के अनुसार उल्टे महेश के परिजन अब उसे फोन कर ब्लैकमेल कर रहे थे। हालांकि आशीष ने इस बात का कोई खुलासा नहीं किया था कि उन्हें किसलिए ब्लैकमेल किया जा रहा है।             

भाजपा तत्काल आशीष को मीडिया पैनल से बाहर निकाले

सुमावली के पूर्व विधायक और मुरैना के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ.सत्यपाल सिंह सिकरवार ने आरोप लगाया है कि महेश परमार के साथ नाइंसाफी हुई है, और भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट आशीष अग्रवाल के घर हुई बेइज्जती की वजह से एक खुद्दर ठेकेदार ने जान दे दी। रसूख के दबाव में पुलिस कार्रवाई से मुंह चुराती रही। डॉ. सत्यपाल सिंह सिकरवार ने मांग की है कि भाजपा को तत्काल ऐसे व्यक्ति को अपने मीडिया पैनल और पार्टी से हटा देना चाहिये।

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