ग्वालियर, 22 अक्टूबर। जबलपुर-उत्तर के कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर चार नवंबर को फैसला होगा। गुरुवार को ग्वालियर पहुंचे विधायक सक्सेना ने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे लोगों के लिए नज़ीर बनेगा जो दलबदल के लिए तैयार रहते हैं। ज्ञातव्य है कि कमलनाथ सरकार से बगावत कर 22 कांग्रेस विधायकों ने सरकार के व्हिप का उल्लंघन करते हुए समर्थन वापस ले लिया था। तो दलबदलू न विधायक रहेंगे न बन पाएंगे मंत्री…..
जबलपुर उत्तर के कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने बताया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए याचिका पेश की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने समय पर निर्णय नहीं लिया, इसलिये सक्सेना अपनी याचिका को उच्चतम न्यायालय ले गए। विनय स्कसेना के अनुसार व्हिप का उल्लंघन करने पर विधानसभा अध्यक्ष विधायकों को अयोग्य घोषित कर देते तो वे मंत्री नहीं बन पाते। विचारणीय तथ्य यह है कि विधानसभा उपचुनाव 3 नवंबर को है जबकि उच्चतम न्यायालय में सुनवाई 4 नवंबर को है।
उच्चतम न्यायालय का फैसला बन सकता है उदाहरण
हालांकि ग्वालियर पहुंचे कांग्रेस विधायक सक्सेना को आशा है कि उच्चतम न्यायालय दलबदल करने वाले विधायकों को व्हिप का उल्लंघन करने पर अयोग्य घोषित कर सकता है, और उनका चुनाव भी शून्य कर सकता है। सक्सेना ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय ऐसा निर्णय सुनाता है तो यह इसतरह सत्ता परिवर्तन के लिए किए जाने वाले दलबदल के लिए एक महत्वपूर्ण नज़र बन सकता है।