ग्वालियर, 21 अक्टूबर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के खिलाफ कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने 21 अक्टूबर को निर्देश जारी कर प्रशासन से कहा है कि राजनीतिक दलों को किसी तरह की रैली जुलूस अथवा आमसभा नहीं करने दी जाए। इसकी जगह पर आधुनिक संचार तकनीक की मदद से वर्चुअल मीटिंग्स आयोजित की जाएं।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के विरुद्ध FIR
ज्ञातव्य है कि कोरोना काल में विधानसभा उपचुनाव को लेकर हो रहे राजनीतिक आयोजनों को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने 3 अक्टूबर को निर्देश जारी किए थे कि गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड विधान की धाराओं के तहत केस दर्ज किए जाए। इसी सिलसिले में 20 अक्टूबर को हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय के मांगे गए जवाब पर मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने बताया कि इस संबंध में दतिया और ग्वालियर के प्रशासनों को क्रमशः पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के विरुद्ध प्राथिमिकी दर्ज किए जाने के आदेश दिए जा चुके हैं।
चुनाव आयोग से अमुमति के बगैर नहीं दें राजनीतिक आयोजनों को अनुमति
इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने प्रशासन को साफ निर्देश दिए हैं कि जब तक कोई राजनीतिक दल विशेष तौर पर कोविड-19 प्रोटोकोल्स का पालन सुनिश्चित कराते हुए किसी आयोजन में उपस्थिति की संख्या निर्दिष्ट करते हुए औपचारिक अनुमति न मांगे, मात्र वर्चुअल आयोजनों की अनुमति दी जाए। जहां वर्चुअल मीटिंग नहीं ली जा सकती है वहां कारण बताते हुए राजनीतिक दल जिला कलेक्टर को मीटिंग के लिए आवेदन सौंपेंगे कलेक्टर चुनाव आयोग की परमिशन के बाद राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रम करने की सशर्त अनुमति देगा। इसके लिए वहां मौजूद रहने वाले लोगों के लिए पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी राजनैतिक दलों को करनी पड़ेगी और इसके लिए जिला प्रशासन के पास दोगुनी राशि के सैनिटाइजर और मास्क की कीमत जमा करनी होगी।