ख़बर खबरों की डेस्क। तमिलनाडु में रामेश्वरम महादेव शिव की प्रतिष्ठा करने वाले मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि अब रामेश्वरम से भेंट में मिले दिव्य घंटे के ऊँकारनाद से गूंजेगी। उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण जारी है। इस बीच रामलला के अस्थाई मंदिर के लिए एक ऐसा घंटा भेंट किया गया है जो ऊँकारनाद करेगा। इसकी गूंज 8 किमी के परिवृत्त में सुनाई देगी। कांसे से बना 613 किलो वजनी यह घंटा तमिलनाडु के रामेश्वरम से 4500 किमी यात्रा करके बीते मंगलवार 6 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचा। भगवान राम को यह विशेष घंटा तमिलनाडु की लीगल राइट काउंसिल की राजलक्ष्मी ने विधिवत संकल्प मंत्र संस्कार के साथ बुधवार को भेंट किया गया।

इस विशेष घंटे को तमिलनाडु की राजलक्ष्मी मांडा स्वयं विशेष रथ को चलाते हुए लेकर आई हैं। बुलेट रानी के नाम से देश में मशहूर राजलक्ष्मी विश्व की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने 9.5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। रामरथ पर इस  घंटे की अयोध्या यात्रा का प्रारंभ 17 सितंबर को हुआ था, जो 21 दिन में 10 राज्यों से होकर अयोध्या में पूरी हुई। राजलक्ष्मी ने बताया कि रास्ते में जगह-जगह इस घंटे की और भगवान राम दरबार व गणेश की मूर्ति का पूजन किया गया। यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं।

यह है घंटे की खासियत

राम मंदिर में लगने वाले इस अनूठे घंटे की ऊंचाई 4 फीट और वजन 613 किलो है। कांसे से बने इस घंटे की चौड़ाई 3.9 फीट है। अयोध्या पहुंचने पर राजलक्ष्मी मांडा ने कहा कि उनका जीवन धन्य हो गया।

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