ग्वालियर, 11 अक्टूबर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता ने केंद्र और राज्य सरकार के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें गाइडलाइन का पालन करते हुए 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा करने की छूट प्रदान की गई है। याचिका को स्वाकार करते हुए हाईकोर्ट ने इसकी सुनवाई के सोमवार 12 अक्टूबर का दिन नियत किया है। याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट नें जिला प्रशासन और सरकार से यह भी पूछा है कि कोविड-19 का उल्लंघन करने पर अब तक कितने लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। यदि नहीं की गई तो क्यों नहीं? इसका जवाब सरकार को सोमवार को वीसी के जरिए होने वाली सुनवाई में पेश करना है। याचिकाकर्ता एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने भारतीय निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग और प्रदेश के गृहमंत्री को भी पक्षकार बनाने के लिए आवेदन पेश किया है, इस पर भी सुनवाई सोमवार को ही होगी।
एडवोकेट याचिका दायर कर पूछा–अपने आयोजनों के लिए जनता को क्यों डाल रहे खतरे में
ग्वालियर के अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है जिसमें कहा गया है कि उपचुनाव के मद्देनजर की गाइड लाइन का उड़ाया जा रहा है। जिसके कारण संक्रमण के ज्यादा फैलने का खतरा पैदा हो गया है। हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर को एक आदेश जारी करके कहा था कि कोविड-19 की गाइडलाइन का सरकार हर हाल में पालन कराए। जिसमें मास्क दो लोगों के बीचदो गज की दूरी को आवश्यक बताया गया है लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक कार्यक्रमों में सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित हो रहे हैं। वही केंद्र और राज्य सरकार ने राजनीतिक कार्यक्रमों में संख्या से छूट संबंधी यह आदेश 8 अक्टूबर को निकाला है। इस पर सोमवार को सुनवाई होगी।