







ग्वालियर, 30 सितंबर। वन विभाग के कर्मचारियों को अपनी ही गेम रेंजर ज्योति छाबड़िया के काले कारनामों का विरोध किया तो सुनवाई करने की जगह वरिष्ठ अधिकारियों ने विरोध जताने वाले कर्मचारियों का ही स्थानांतरण कर दिया। दरअसल तिघरा गेम रेंज के वनपाल और वन रक्षकों ने वन संरक्षक कार्यालय को रेंजर ज्योति छाबड़िया के विरुद्ध शिकायत की थी और उनके रेंज में रहते बहिष्कार की चेतावनी दी थी।
गेम रेंजर के बहिष्कार की दी थी चेतावनी
वनसंरक्षक कार्यालय में 28 सितंबर को तिघरा रेंज की गेम रेंजर पर भ्रष्टाचार और अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बनाने के आरोप लगाए थे। रेंज के वनपाल और वन रक्षकों ने गेम रेंजर ज्योति छाबड़िया के विरुद्ध एक शिकायती आवोदन भी वनसंरक्षक को दिया था, लेकिन 10 दिन बाद भी उनकी शिकायतों और पीड़ा पर गौर नहीं किया गया तो नाराज होकर सभी कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्वासन दिया थी कि गेम रेंजर ज्योति छाबड़िया को हटा दिया जाएगा। इस पर कर्मचारी काम पर लौटने के लिए तैयार हो गए थे। हालांकि कार्रवाई उल्टी ही हुई, रेंजर ज्योति के विरुद्ध को कदम उठाए जाने की जगह विरोध प्रदर्शन और शिकायत कर रहे कर्मचारियों को ही दूर किसी दूसरी रेंज में स्थानांतरित कर दिया गया।
यह थी तिघरा रेंज के वनपाल और वन रक्षकों की पीड़ा
दरअसल तिघरा गेम रेंज में ज्योति छाबड़िया पिछले 5 सालों से पदस्थ हैं। उनके अधीनस्थ कर्मचारियों की शिकायत है कि वह कार्य में सहयोग तो करती नहीं, उल्टे अनेक बाउचर पर जबरन हस्ताक्षर के लिए दबाव बनाती रहती हैं। अधीनस्थों का आरोप है कि गेम रेंजर ज्योति कुछ नजदीकी लोगों की मिली भगत से वन विभाग को चूना लगा रही हैं। पीड़ित कर्मचारियों का दर्द हा कि कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।कर्चारियों ने बताया कि 15 सितंबर को भी वन मंडल अधिकारी को एक ज्ञापन अधीनस्थ कर्मचारियों ने सौंपा था, लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
ज्योति छाबडिया अब भी गेम रेंजर, शिकायतकर्ताओं के हुए तबादले
बेचारे कर्मचारी 28 सितंबर को अधिकारियों के इस आश्वासन पर काम पर वापस लौटे थे कि जल्द कार्रवाई होगी, कार्रवाई तो हुई, लेकिन उल्टे उन्हीं के स्थानांतरण कर दिए गए। वन मंडल अधिकारी ने 30 सितंबर को एक आदेश जारी कर सत्यप्रकाश गौड़(उप वन क्षेत्रपाल), प्रमोद चतुर्वेदी (वनपाल), कन्हैयालाल (वनपाल), फूलसहाय(वनपाल), शिवचंद सिंह तोमर(वनपाल), रामअवतार शर्मा(वनरक्षक), जगवीर सिंह भदौरिया (वन रक्षक), अनिल व्यास (वन रक्षक), रविकांत शर्मा(वनरक्षक), नीरज शर्मा (वन रक्षक), लोटन सिंह रजक(वन रक्षक), ज्ञानेंद्र कुशवाह(वनरक्षक), पवन दुबे (वन रक्षक) और भारत भूषण भार्गव (वन रक्षक)