नई दिल्ली, 25 सितंबर। कोरोना महामारी के दौर में बिहार विधानसभा के लिए चुनावों की तिथियों की घोषणा कर दी गई है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को संवाद माध्यमों को जानकारी देते हुए राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी शंखनाद कर दिया। राज्य में तीन चरणों में चुनाव होंगे, पहले चरण में 71 सीटों के लिए 28 अक्तूबर, दूसरे चरण में 94 सीटों के लिए तीन नवंबर, और 78 सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 10 नवंबर को होगी। आयोग ने इस बार चुनाव के लिए खास इंतजाम किए हैं। ज्ञातव्य है कि राज्य में पिछली बार पांच चरणों में चुनाव हुए थे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि 70 देशों ने चुनाव टाल दिए, लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरते गए न्यू नॉर्मल अपरिहार्य हो गया। अब क्योंकि कोरोना के जल्दी खत्म होने के संकेत नहीं मिल रहे, हमारे लिए लोगों का लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करना अनिवार्य हो गया, साथ ही मतदाता के स्वास्थ्य की चिंता भी थी। कोरोना के दौर में यह देश का ही नहीं, वरन दुनिया का पहला सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है।
कोरोना दौर का सबसे बड़ा चुनाव-बचाव के चार बिंदु
1. 46 लाख मास्क और 46 लाख ग्लव्ज
बिहार में 243 सीटें हैं। 38 सीटें आरक्षित हैं। 7.29 करोड़ लोग वोट डालेंगे। 1.73 लाख वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। 46 लाख मास्क, 7.6 लाख फेस शील्ड, 23 लाख जोड़े हैंड ग्लव्स और 6 लाख पीपीई किट्स का इस्तेमाल होगा।
2. वोटिंग का वक्त बढ़ा
वोटिंग का समय भी बढ़ा वोटिंग का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर सामान्य इलाकों में सुबह 7 से शाम 5 की बजाय सुबह 7 से शाम 6 के बीच वोटिंग होगी। एक पोलिंग बूथ पर 1500 की जगह 1000 वोटर आएंगे।
3. COVID-19 प्रोटोकोल से प्रभावित नामांकन के नए नियम
इस दौरान उम्मीदवार 5 की जगह 2 ही गाड़ियां साथ ले जा सकेंगे। कोरोना के जो मरीज क्वारैंटाइन हैं, वे वोटिंग के दिन आखिरी घंटे में ही मतदान कर पाएंगे।
4. निगरीनी में सोशल मीडिया
जिस जगह जरूरत और मांग होगी, वहां पोस्टल बैलेट सुविधा दी जाएगी। सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर नजर रहेगी, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे। सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करने वाली पोस्ट्स पर नजर रकी जाएगी औऱ ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा।