ग्वालियर, 24 सितंबर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स यानी अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (ABVICC) का लोकार्पण शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्रे सिंह तोमर ने किया। इस मौके पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित किया। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इस सेंटर का लोकार्पण राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद के हाथों कराने की योजना थी, लेकिन COVID-19 के भय से इसे स्थगित कर दिया गया। लोकार्पण करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने जेयू परिवार को इस बात के लिए बधाई दी कि ऐसा कन्वेंशन सेंटर मध्यप्रदेश के किसी भी विश्वविध्यालय के पास नहीं है। कुलपति प्रों.संगीता शुक्ला ने उम्मीद जताई कि दिल्ली के समीप होने के कारण ABVICC देश भर के राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों का महत्वपूर्ण वेन्यू साबित होगा।

जीवाजी युनिवर्सिटी का बहुचर्चित एवं प्रतीक्षित अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल कंवेशन सेंटर का औपचारिक लोकार्पण शुक्रवार को किया गया। कन्वेंशन सेंटर करीब 23 करोड़ की लागत से बना है, और एक लाख वर्गकिलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें एक विशाल ऑडिटोरियम, ओपन थियेटर, पांच सेमिनार हॉल, एक कांन्फ्रेस हॉल और एक आर्ट गैलरी है। करीब 10500 वर्गमीटर में फैले कन्वेंशन सेंटर के ऑडिटोरियम में करीब दो हजार लोग एक साथ बैठ सकते हैं।

सर्वविधायुक्त है ऑडिटोरियम

ऑडियोरियम में पुशबैक सीटें लगाई गई हैं, ताकि लंबी बैठक के बावजूद थकान न आए।      ऑडिटोरियम की छत थर्मल इंसुलेटेड मटेरियल से बनी है। यह सौर ऊर्जा के विकिरण को अपने अंदर समाहित कर लेता है। इसलिए गर्मियों में भी ऑडिटोरियम के अंदर का तापमान बाहर की तुलना में करीब 8 से 15 डिग्री सेल्सियस तक कम रहेगा। इसमें 16 वातानुकूलन यंत्र लगाया गए हैं। ऑडिटोरियम में साउंड इफैक्ट पर मंच की लाइटें जलेंगी और बुझेंगी। इसकी एकॉस्टिक्स इतनी अच्छी है कि पूरी क्षमता में लोग मौजूद रहें तब भी ध्वनि स्पष्ट सुनाई देगी, किसी तरह की गूंज या दूसरा शोर ध्वनि को बाधित नहीं करेगा।

प्रकृति की प्रेरणा से हुए नामकऱण

ऑडिटोरियम की लकड़ी के बने मंच के पीछे म्यूजिशियन किट भी लगाई गई है। स्टेज से सटे ग्रीन रूम में महिला और पुरुषों के लिए अलग व्यवस्थाएं हैं। तीन मंजिले इस ऑडिटोरियाम में सीढ़ियों के अलावा लिफ्ट भी लगाई गई हैं। ऑडिटोरियम का नाम गुलमोहर, जबकि पांच कांन्फ्रेंस हॉल के नाम अमलतास, मौलिश्री, हरश्रंगार, पलाश और चांदनी रखे गए हैं।

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