ग्वालियर, 21 सितंबर। मध्यप्रदेश के विद्यालयों में 1.5 दशक से भी अधिक  समय से सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों का दर्द है कि उनकी न कांग्रेस सरकार ने सुनी न भाजपा सरकार सुनने को तैयार है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में इनकी मांगों को शामिल किया, लेकिन 15 महीने तक कोई सुध नहीं ली। अब अतिथि शिक्षक आरपार के संकल्प के साथ सोमवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। आंदोलनकारियों ने चातावनी दी है उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उप चुनाव में भाजपा का विरोध तो करेंगे ही, आमरण अनशन भी करेंगे।    

लंबे समय से संघर्ष कर रहे अतिथि शिक्षकों ने शहर के फूलबाग मैदान पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। आंदोलनकारियों ने प्रदेश सरकार को एक बार फिर वचन का स्मरण कराया है। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि वे 12 से 15 साल से नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक नियमित नहीं किया गया है। उनकी मांग है कि 12 महीने का सेवाकाल और नियमितीकरण के आदेश दिए जाएं। ऐसा नहीं किया गया तो वे आने वाले उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों का विरोध तो करेंगे ही अब आरपार की लड़ाई के लिए आमरण अनशन भी करेंगे।

शहर के फूलबाग मैदान में बड़ी संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अतिथि शिक्षकों का कहना है कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए समर्थन वापस लिया था। उन्होंने कहा था कि शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरेंगे। अब सांसद सिधिंया अतिथि शिक्षकों की पीड़ा को समझें।

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