वॉशिंगटन। इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी चल रही है। वहां रहने और खुद को सरवाइव करने की ट्रेनिंग देकर उन्हे यात्रा पर भेजा जाएगा। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के भी एक अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर में रहने की ट्रेनिंग देगी। क्रिटिककल और आधुनिक तकनीक (आईसीईटी) को बढ़ावा देने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, पिछले साल हम भारत गए थे। मानवता की भलाई के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, अंतरिक्ष के क्षेत्र में हम मिलकर काम करेंगे और इसरो के एक अंतरिक्षयात्री को आईएसएस तक जाने, वहां रहने और लौटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसे भविष्य में अंतरिक्ष विज्ञान को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर ये बातें कही हैं।

बिल नेल्सन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में नासा भारतीय अंतरिक्ष यात्री के साथ संयुक्त अभियान करेगा। बता दों कि दोनों एनएसए ने अंतरिक्ष उड़ान सहयोग और रणणनीतिक ढांचे के विकास के लिए बातचीत की। यह नासा और इसरो अंतरिक्षयात्रियों का पहला संयुक्त प्रयास होगा। संभव है कि इस साल के आखिरी में भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस के लिए उड़ान भरे। संभव है कि इसरो ट्रेनिंग के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों का चुनाव करे। नासा और इसरो साथ नासा इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार यानी निसार को लॉन्च करने जा रहे हैं। यह मिशन जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहयोगी हो सकता है। यह हर 12 दिन में दो बार पृथ्वी की मैपिंग करेगा। जेक सुलिवन और एनएसएस अजीत डोभाल बीच बातचीत के बाद यह ऐलान किया गया है। इस उपग्रह को नासा और इसरो ने मिलकर तैयार किया है। बता दें कि भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके समकक्ष जेक सुलीवन के बीच हुई मुलाकात के बाद नेल्सन ने यह बात कही है। सुलिवन ने सोमवार को कहा था कि इसरो के अंतरिक्षयात्रियों को अडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी।

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