ग्वालियर, 11 सितंबर। कम्प्यूटर एप्लिकेशंस का माहिर, पब्जी का शौकीन, लेकिन 12वीं में सप्लिमेंट्री आई। पब्जी बैन और सप्लिमेंट्री की निराशा धीरे-धीरे हीन भावना में तब्दील हो गई। गुरुवार को इसी कुंठा में पहले बहिन से झगड़ा किया फिर मां से झुंझलाया, इस पर पिता ने डांट दिया। सबका मिलाजुला असर इतना हावी हुआ कि डिप्रेशन में आठवीं मंजिल के घर की बालकनी से छलांग लगा दी। इकलौते बेटे की मौत के सदमे में माता-पिता बेहाल हैं, रेजिडेशिंयल सोसायटी में मातम पसरा हुआ है।
भाई-बहन की छीना-झपटी ने कुंठा को डिप्रेशन में बदला
पब्जी बैन के बाद से बोर हो रहे शौर्य भसीन ने बड़ी बहन लेपटॉप मांगा, उसकी ऑनलाइन क्लासेज चल रही थीं, इसी बात पर भाई-बहन में झगड़ा बढ़ा तो शौर्य ने झुंझलाहट मां पर उतार दी। पिता तक झगड़े की आवाज पहुंची तो डांट शौर्य के हिस्से ही आई। वह अपने कमरे में चला गया, लेकिन थोड़ी देर बाद रसोई में काम कर रहीं मां को पीछे से हग किया और गुस्से के लिए माफी मांगी। इसके बाद बहन को गले लगाया और सॉरी बोला और सोफे पर बैठ गया। वहां से सीधा घर के पीछे बनी बालकनी में पहुंचा और नीचे छलांग लगा दी।
आठवीं मंजिल से शौर्य सीधे नीचे बने टीन शैड पर गिरा, लेकिन अच्छी कद काठी के शौर्य के बजन और आठवीं मंजिल से कूदने के वेग से टीनशैड भी टूट गया और शौर्य फर्श पर जा गिरा। लहुलुहान बेसुध पड़े शौर्य को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
पब्जी बैन ने कुंठा को हताशा में बदला
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार शौर्य के पिता मूलतः रुड़की के रहने वाले थे, लेकिन परिवार ग्वालियर में आकर गारमेंट्स और रीयल एस्टेट के कारोबार में जुटे और यहीं बस गए। दुखी पिता ने बताया कि इकलौता बेटा शौर्य सबका लाड़ला था। नए गजेट्स और कंप्यूटर का बेहद शौक़ीन था। पिता ने उसे एपल का सेलफोन और महंगा लेपटॉप खरीद कर दिया था। पढ़ाई करने ग्वालियर से बाहर भी भेजा था, ताकि कोई घरेलू बाधा रहे। शौर्य की हायर सेकेंडरी (12th) परीक्षा में सप्लीमेंट्री आई थी, जिससे वह तनाव में था। खाली बैठे शौर्य को पब्जी का सहारा मिला तो वह बोरियत भुलाने वाले गेम पब्जी के नशे का आदी हो गया। चाइनीज गेम एप पब्जी को हाल ही में बैन कर दिया गया तो शौर्य की निराशा को भुलाने का कोई जरिया न बचा। कुंठा कब हताशा में तब्दील हो गई घरवाले भांप ही नहीं पाए।