ग्वालियर, 10 सितंबर। ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह के परिसर में करीब 165 करोड़ रुपए की लागत से बना सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल लोकार्पण के एक साल बाद कोरोना महामारी में मरीजों की पीड़ा हरने की जगह उनके लिए जेल साबित हो रहा है। यहां उपलब्ध सुविधाओं के दावों के भरोसे मरीज यहां तो जाता है, लेकिन बाद में जो दुश्वारियां सामने आती हैं, उनकी वजह से वह बाहर निकलने के लिए छटपटाता है, लेकिन निकल नहीं पाता। पेश है एक खास रिपोर्ट….

भिंड के ब्रह्मा सिंह कुशवाह का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया तो परिजन ने उन्हें जयारोग्य समूह के सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया। सोचा था कि 165 करोड़ रुपए की लागत से बने इस असप्ताल में सारी सुविधाएं मिलेंगी और इलाज बी अच्छा होगा। ब्रह्मा सिंह ने बताया कि अस्पताल में उन्हें सुविधाएं मिलना तो दूर डॉक्टर देखने भी बमुश्किल पहुंचते थे। महानगरीय सुविधाओं का दावा करने वाले इस अस्पताल में न ऑक्सीजन मिल पा रही थी, न ही दूसरी मेडिकल सुविधाएं दुरुस्त थीं। टॉइलेट की हालत देख कर तो ब्रह्मा सिंह को अस्पताल नर्क लगने लगा, तीन दिन तक वह शौच के लिए गए ही नहीं, औऱ स्वस्थ होने की जगह ज्यादा बीमार होने लगे। उनसे मिलने परिजन नहीं आ सकते थे, न ही उन्हें डिस्चार्च कर दूसरे अस्पताल में जाने दिया जा रहा था, अस्पताल उन्हें जेल लगने लगा था।

आखिर उन्होंने अपने मित्र वकील को फोन कर अपनी हालत बताई। वकील उमेश बोहरे ने अदालत का सहारा लेकर ब्रह्मा सिंह को सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल से बाहर निकालकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

इस संबंध में जब जयारोग्य अस्पताल समूह के प्रशासक और संभागायुक्त एमबी ओझा से बात की गई तो उन्होंने सारी व्यवस्थाओं के चुस्त-दुरुस्त होने का दावा किया। जबकि सांसद विवेक शेजवलकर ने स्वीकार किया कि ऑक्सीजन की कमी है, लेकिन उसकी आपूर्ति के लिए कई जगह बात की गई है, जल्द ही आपूर्ति मिल जाएगी।     

सुपर-स्पेशलिटी प्रबंधन के दावे

सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 6 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर हैं। यह ग्वालियर की पहली सरकारी अस्पताल परिसर है जहां मरीज को ओपीडी का पर्चा बनवाने के साथ डॉक्टर को दिखाने, जांच कराने और दवा के लिए बाहर नहीं जाना होगा। यह सभी सुविधाएं मरीज को एक ही भवन में मिलेंगी। यहां मरीजों को पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी और नियोनेटोलॉजी जैसी सुपर स्पेशलिटी की सुविधा मिलने लगेंगी। अस्पताल की सुरक्षा और सफाई की जिम्मेदारी निजी कंपनी को सौंपी गईं हैं। जयारोग्य अप्पताल समूह के तहत 165 करोड़ रुपए की लागत से सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल जून 2016 में बनना प्रारंभ हुआ था। यहां 6 लिफ्ट, 6 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर और तीन आईसीयू हैं। पूरे हॉस्पिटल में सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम लगा हुआ है। साथ ही डायलिसिस मशीन निप्पो कंपनी की तथा एमआरआई मशीन फिलिप्स कंपनी है।


सुपर स्पेशलिटी की मॉड्यूलर ओटी
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओपीडी में पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी, नियोनेटोलॉजी की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा एनेस्थीसिया, रेडियोलॉजी, जनरल मेडिकल ऑफिसर के साथ सीनियर रेसीडेंट भी यहां पदस्थ हैं। हॉस्पिटल के ग्राउंड फ्लोर पर रजिस्ट्रेशन, फार्मेसी, डायलिसिस और रेडियोलॉजी विंग है, जबकि पहली मंजिल पर ओपीडी के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के कक्ष रखे गए हैं। दूसरी और तीसरी मंजिल पर वार्ड, चौथी मंजिल पर आईसीयू वार्ड तथा पांचवीं मंजिली पर ऑपरेशन थियेटर और आईसीयू तथा छठवीं मंजिल पर विभागीय प्रशासनिक कार्यालय और कैफेटेरिया रखा गया है। ।

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