भोपाल, 03 सितंबर। केंद्र सरकार के मॉडल एक्ट लागू किए जाने के विरोध में कृषि उपज मंडी ग्वालियर समेत प्रदेश की 259 मंडियों, 298 उप मंडियों, 13 तकनीकी संभाग, 7 आंचलिक कार्यालय के साथ मंडी बोर्ड मुख्यालय के सभी अधिकारी कर्मचारी मॉडल एक्ट के खिलाफ आज से काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। फिलहाल हड़ताल तीन दिवसीय है, लेकिन सरकार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो इससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

कृषि उपज मंडी में मध्य प्रदेश व्यापार महासंघ के आव्हान पर गुरुवार से कारोबार ठप कर दिया गया। दरअसल मॉडल एक्ट लागू होने के बाद किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की छूट रहेगी जबकि मंडी में किसानों द्वारा उपज बेचने पर उन्हें न सिर्फ  मंडी शुल्क देना पड़ता है, बल्कि व्यापारियों को भी तमाम तरह के टैक्स भुगतान करने पड़ते हैं। जबकि बाहर व्यापारियों को उपज बेचने पर किसानों के साथ अक्सर धोखाधड़ी और कम तौलने जैसी घटनाएं भी आम रहती हैं। एक्ट में सरकार की ओर से इस पर अंकुश लगाने जैसा कोई प्रावधान समझ नहीं आ रहा है। इसके साथ ही मंडी में महंगी दुकाने और आढ़त लेकर बैठे कारोबारियों के सामने बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। मंडी प्रबंधन के लोग भी सरकार के फैसले के विरोध में आ गए हैं। कर्मचारियों ने राजधानी भोपाल में सीएम हाउस के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

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