

नई दिल्ली, 03 सितंबर। लॉकडाउन और COVID-19 जैसी बाधाएं भी भारत के युवाओं को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) यानी वैश्विक नवाचार सूचकांक में एक साल में 4 स्थानों की छलांग लगाने से नहीं रोक सकीं। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) यानी वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत पहली बार शीर्ष 48वें स्थान पर आ गया है। मध्य और दक्षिण एशियाई देशों में वह इस सूचकांक के शीर्ष पर बना हुआ है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO), कॉर्नेल विश्वविद्यालय और इनसीड बिजनेस स्कूल द्वारा बुधवार को संयुक्त रूप से वैश्विक नवाचार सूचकांक, 2020 की जारी सूची के मुताबिक शीर्ष स्तर पर स्थिरता बनी हुई है, लेकिन नवाचार का केंद्र पूर्व की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। भारत, चीन, फिलीपींस और वियतनाम जैसे एशियाई देश नवाचार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े हैं।
पश्चिम से पूर्व की ओर शिफ्ट हो रहा है नवाचार का रुझान
एक बयान में WIPO ने कहा है कि स्विटजरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, ब्रिटेन और नीदरलैंड सूची में आगे बने हुई हैं, पहले 10 स्थानों पर अमीर देशों का ही दबदबा है, लेकिन भारत के बारे में कहा गया है कि यह नवाचार के क्षेत्र में दुनिया की तीसरी सबसे निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। दरअसल GII के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और उपलब्ध नवीन संकेतकों से ऐसा हो पाया है। सूची के मुताबिक ICT (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी), सेवाओं के निर्यात, सरकारी ऑनलाइन सेवाओं और विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में स्नातकों जैसे नवाचार के सूचकांक में भारत शीर्ष 15 देशों में शामिल है।
IIT दिल्ली, IIT मुंबई और IIS बैंगलूरू की वजह से मिली उछाल
WIPO ने IIT दिल्ली व IIT मुंबई और IIS बेंगलुरु के शोधार्थियों और शीर्ष वैज्ञानिक प्रकाशनों की भरपूर प्रशंसा की है। संगठन ने कहा है कि इनकी वजह से ही भारत उच्चतम नवाचार गुणवत्ता के साथ निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बना है। सूची जारी करने से पहले GII ने 131 देशों का विभिन्न मानकों पर विश्लेषण किया, इन मानकों में संस्थानों के साथ ही बुनियादी ढांचे, बाजार-कृत्रिमता और व्यवसाय-कृत्रिमता, ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उत्पादन और रचनात्मक उत्पादन शामिल हैं।