भाजपा ने 64 हजार बूथों से मंगवाई रिपोर्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हुई 77.15 फीसदी बंपर वोटिंग के क्या नतीजे होंगे और भाजपा-कांग्रेस दोनों में से कौनसी पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है, इसका फैसला तो 3 दिसंबर को ही होगा। लेकिन इसके पहले भाजपा-कांग्रेस के रणनीतिकार एक-एक वोट का गणित लगाने के साथ बूथवार (मतदान केंद्र) वोटिंग की समीक्षा कर रहे हैं। भाजपा ने तो प्रदेश के अपने बूथ कार्यकर्ताओं से 64 हजार बूथों की रिपोर्ट मांगी है।

 

हालांकि भाजपा प्रदेश में हुई बंपर वोटिंग के बाद मप्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने को लेकर पूर्णत: आश्वास्त है। लेकिन पार्टी किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहती है। लिहाजा एक-एक वोट का गणित लगा रही है। भाजपा कम मतदान वाले बूथों की समीक्षा में जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी मुख्यालय ने सभी 64,626 बूथों से रिपोर्ट मंगाई है। जिन मतदान केंद्रों पर कम वोटिंग हुई है, उसके कारणों की समीक्षा की जा रही है। इसके साथ ही चुनाव में बूथ प्रभारी के प्रदर्शन का आंकलन भी किया जा रहा है। यह रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भी भेजी जाएगी। जिन मतदान केंद्रों पर बूथ प्रभारियों ने लापरवाही की है, उनकी सूची तैयार की जा रही है।

 

-शहरीय-ग्रामीण बूथों का अलग-अलग आंकलन

पार्टी सूत्रों का कहना है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बूथवार वोटिंग प्रतिशत का अलग-अलग आंकलन किया जा रहा है। इसके लिए बूथ प्रभारियों से एक फार्मेट में वोटिंग की जानकारी मांगी गई है। इसके साथ यह अनुमान भी पूछा है कि पार्टी को उनके बूथ पर कितने वोट मिलेंगे। इस जानकारी के आधार पर पार्टी जीत-हार का अनुमान लगाएगी। इसके साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों द्वारा अलग-अलग जिलों से कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है।

 

-ऐसे किया भाजपा ने बूथ प्रबंधन

 

हम बता दें कि भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव में मप्र में फिर भाजपा सरकार का नारा दिया था। तथा इसके लिए 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने के लक्ष्य के साथ डिजिटलाइजेशन बूथ मैनेजमेंट प्लान बनाकर बूथ प्रबंधन का काम किया था। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता और प्रवासी कार्यकर्ता 230 विधानसभाओं के 64 हजार 626 बूथों के हर घर, पगडंडी, चौपाल, गली, मोहल्ला पहुंचे थे। प्रदेश के 57 संगठनात्मक जिलों, 1093 मंडलों में तैनात 68 लाख से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं, 1,75,241 नव कार्यकर्ताओं ने चुनाव में जीत के लिए दिन-रात एक कर दिए थे।

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