रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी के मौके पर अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजा की. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज के 4 साल पहले मैं यहां आया था मुझे लगा कि मैं विजयदशमी आपके साथ मनाऊं. जिन कठिन परिस्थितियों में आपलोग देश के सुरक्षा की जिम्मेदारी करते हैं इसके लिए मुझे उन पर नाज है.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, अधिकांश जवानों की ये इच्छा होती है कि एक बार सेना में सेवा दें. राजनीति में नेता भी ये चाहते हैं कि टेरिटोरियल आर्मी के जरिए सेना की वर्दी हमारे बदन पर आ जाए ये इच्छा होती है. इस वर्दी की क्या अहमियत है ये देश के नागरिकों को पता है. यदि गांव का साधारण सा व्यक्ति जो गलत चीजों को स्वीकार नहीं कर सकता उसे लोग फौजी स्वभाव का कहते हैं. ये इस देश के जवानों के प्रति लोगों का सम्मान है.
भारत का कद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा है. आपने यदि देश की सीमाओं सुरक्षित न रखा होता, तो भारत का कद जो आज है दुनिया में, वो न होता. पहले भारत कई देशों से हथियार खरीदते थे. आज हम 20 हजार करोड़ से ज्यादा के हथियार निर्यात कर रहे हैं. हम ये भी कोशिश करते हैं कि विदेश की टेक्नॉल़ॉजी को भारत में लाएं और इसमें भारत के लोगों का भी हाथ होना चाहिए.
तवांग पहुचने से पहले रक्षामंत्री असम के तेजपुर पहुंचे. इस दौरान वहां पर उन्होंने 4 कोर मुख्यालय में बड़ाखाना में सैनिकों के साथ संवाद किया और इस अवधारणा की सराहना की कि बड़ाखाना में सभी रैंक के सैनिक एक परिवार के सदस्यों के रूप में एक साथ भोजन करते हैं. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘भारतीय सेना एकता और भाईचारे का सच्चा उदाहरण है क्योंकि वे अलग-अलग राज्यों, धर्मों और पृष्ठभूमि से होने के बावजूद एक ही बैरक और इकाइयों में एक साथ काम करते हैं और रहते हैं.’

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