येरुशलम। हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह इजराइल पर सिलसिलेबार तरीके से करीब हजार से ज्यादा रॉकेट दागे। इस हमले में इजराइल के अनेक सैनिकों की मौत हो गई। यही नहीं हमास के लड़ाकों ने सीमा के समीप बड़ी संख्या में इजराइली नागरिकों को अगवा कर बंधक बना लिया। इसका जवाब इजराइल की सेना ने काउंटर अटैक से दिया और इसी के साथ युद्ध की घोषणा कर दी गई। करीब पांच दिन बाद ही इजराइल ने गाजा पट्टी को सैन्य क्षेत्र घोषित कर दिया। इसका अर्थ यह हुआ कि इस क्षेत्र में अब बिना इजाजत कोई भी दाखिल नहीं हो सकेगा। वैसे भी युद्ध के बीच गाजा में घुसना गंभीर जोखिम का काम रहा है, लेकिन सैन्य क्षेत्र घोषित होने के बाद यहां बिना इजाजत दाखिल होना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। खबरों के मुताबिक इजराइल की ओर से गाजा पर किए गए हमलों में अब तक करीब 1100 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल बताये गए हैं।

 

इजराइल ने गाजा पर जमीनी हमला शुरू कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि इजराइल की सेना गाजा में घुस चुकी है और हमास के आतंकियों को तलाश कर मारा जा रहा है। वहीं इजराइली सेना ने बंधकों को छुड़ाने के लिए भी कोशिशें तेज कर दी हैं। इसे देखते हुए हमास ने धमकी दी है कि यदि दबाव बढ़ा तो वे बंधकों को एक-एक कर मौत के घाट उतार देंगे। इजराइल ने हमास पर की जा रही सैन्य कार्रवाई पर बाधा न पहुंचे इसलिए गाजा पट्टी को सैन्य क्षेत्र घोषित किया है, जिसकी पुष्टि आईडीएफ ने भी की है। उसने लोगों को सैन्य क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी भी दी है।

हमास बोला, कोई नहीं जाएगा

इजरायली की सेना ने शुक्रवार को गाजा शहर के सभी नागरिकों से दक्षिण का हिस्‍सा खाली करने के लिए कहा है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज की तरफ से बयान में कहा गया है कि आईडीएफ अपनी सुरक्षा के लिए गाजा शहर के सभी नागरिकों को उनके घरों से दक्षिण की ओर निकालने और वाडी गाजा के दक्षिण क्षेत्र में जाने की अपील करता है संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को चेतावनी दी है कि उत्‍तरी गाजा की पूरी 1.1 मिलियन आबादी को घिरे क्षेत्र के दक्षिण में निकालने का इजरायली सैन्य आदेश बड़े मानवीय परिणामों के बिना ‘असंभव’ था। दूसरी ओर हमास ने गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनियों से कहा कि वो अपने घरों को न छोड़ें। हमास ने इजरायल पर संदेश भेजकर ‘मनोवैज्ञानिक युद्ध’ में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसके तहत ही फिलिस्तीनी नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कर्मचारियों को क्षेत्र खाली करने के लिए कहा गया था।

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