टोक्यो। चांद पर फतह करने के लिए 6 माह के लंबे सफर पर निकले जापान के स्लिम लैंडर ने धरती की पहली तस्वीर खींची है। स्लिम के लैंडर से ली गई इस तस्वीर में धरती आधी और बेहद खूबसूरत लग रही है। इससे पहले स्लिम को 6 सितंबर को एच-2ए रॉकेट से भेजा गया था। जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा ने बताया कि स्लिम लैंडर ने धरती की कक्षा में रहकर कई टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम देकर पहली बाधा को पार कर लिया है। स्लिम ने टेस्ट के रूप में अपने कैमरे से धरती की एक तस्वीर खींची है। इसी कैमरे की मदद से जापान चांद का यह लैंडर चांद की सतह पर सटीक तरीके से उतरेगा।
जाक्सा ने 21 सितंबर को तस्वीर को स्लिम के अकाउंट से पोस्ट किया है। इस तस्वीर को धरती से 1 लाख किमी की दूरी से लिया गया था। इस लैंडर के कैमरे को इस तरह से बनाया गया है ताकि वह चंद्रमा के गड्ढों की पहचान कर ले। इसमें नेविगेशन सिस्टम भी लगा हुआ है। स्लिम अब चंद्रमा की बेहद लंबी यात्रा पर तेजी से बढ़ रहा है। स्लिम को चंद्रमा का स्नाइपर भी कहा जाता है। स्लिम ने 26 सितंबर को दूसरी बार अपनी कक्षा को बदला है।
इसके लिए स्लिम ने अपने मुख्य इंजन को चालू किया और ऑर्बिट को बदला। इससे वह अपनी अगली कक्षा में चला गया। इससे धरती से उसकी दूरी और बढ़ गई। जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा ने अभी तक स्लिम के चंद्रमा पर उतरने की डेट नहीं जारी की है। फिर भी माना जा रहा है कि स्लिम के चंद्रमा तक पहुंचने में 3 से 4 महीने का समय लग सकता है।