टोक्यो। जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के टोरेगेम बायोफार्मा में एक दवा विकसित की जा रही है जिससे नए दांत उगाए जा सकेंगे। वैज्ञानिक जुलाई 2024 से इसका परीक्षण शुरू करने के लिए तैयार हैं, जिसके बाद 2030 तक बाजार में इस दवा के उपलब्ध होने की उम्मीद है। दरअसल मनुष्यों और जानवरों के पास समान रूप से टूथ बडा होता है। यह बच्चों में नया दांत बनाने की क्षमता रखती है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में ये बड्स विकसित नहीं होते हैं और अंत में गायब हो जाते हैं। कंपनी ने अब इसी को लेकर एक एंटीबॉडी दवा विकसित की है, जो मुंह में उन प्रोटीन्स को रोकती है जो टूथ बड के विकास को लॉक करते हैं। साल 2018 में एक जानवर जिसे फेरेट्स के रूप में जाना जाता है, उसे वैज्ञानिकों द्वारा एंटीबॉडी-दवा दी गई, जिसके परिणामस्वरूप उसमें नए दांतों का सफलतापूर्वक विकास हुआ। इंसानों की तरह ही इन फेरेट्स के बच्चे और स्थायी दांत दोनों होते हैं। ऐसे में कंपनी अब एनोडोंटिया के रोगियों पर परीक्षण करने की योजना बना रही है। एनोडोंटिया एक ऐसी बीमारी है, जो जन्मजात होती है, जिसमें कुछ या सभी स्थायी दांत अनुपस्थित होते हैं।
ओसाका में टोरेगेम बायोफार्मा के सह-संस्थापक और किटानो अस्पताल के डेंटिस्ट और ओरल सर्जरी के प्रमुख कात्सु ताकाहाशी ने कहा, ‘किसी बच्चे के दांत गायब होने से उनके जबड़े की हड्डी के विकास पर असर पड़ सकता है। हमें उम्मीद है कि दवा उन समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।’ भविष्य में यह उन लोगों के भी उपयोगी होगी, जिनके दांत कैविटी के कारण खराब हो गए हैं।इस परीक्षण के तहत दांतों के विकास को प्रेरित करने के लिए बच्चों को एक इंजेक्शन का डोज़ लगाया जाएगा।