फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के जरिए स्कूलों में शिक्षक की नौकरी पाने के मामले 68 लोगों पर एफआईआर होने के बाद अब असिस्टेंट प्रोफेसरों के दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कालेजों में दिव्यांग कोटे से हुई सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में निशक्तता को लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं।
इन शिकायतों के आधार पर उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों को पत्र लिखा है कि अब वर्ष 2018 में आयोजित सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी की परीक्षा देकर दिव्यांग अथवा निशक्तता सर्टिफिकेट लगाने वाले सहायक प्राध्यापकों की निशक्तता की जांच संभागीय मेडिकल बोर्ड से कराई जाए। नियम है कि जांच में 40% से अधिक निशक्तता पाई जाती है तभी प्राचार्य द्वारा कार्यभार ग्रहण कराया जाए, लेकिन कई कॉलेजों में ऐसा नहीं किया गया। उच्च शिक्षा विभाग को शिकायत मिली है कई लोगों की निशक्तता 40% से कम है और बैरा टेस्ट भी नहीं कराया।
वर्ष 2018 में हुई परीक्षा से नियुक्त सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी जिन्होंने दिव्यांग सर्टिफिकेेट लगाया था, उनकी मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जा रही है। इस संंबंध में अंचल के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं