सैन फ्रांसिस्को। राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के साथ मीटिंग के ‎लिए अपने पुत्र एक्स के साथ पहुंचे बिजनेसमैन एलन मस्क के बीच मनोरंजक बातचीत हुई। न्यूयॉर्क के टर्किश हाउस में हुई इस मुलाकात के दौरान, मस्क ने पुत्र को गोद में बिठा रखा था, वहीं राष्ट्रपति एक्स की ओर बार-बार बॉल उछालते रहे लेकिन उसने पकड़ने की कोशिश नहीं की। मीटिंग के दौरान, एर्दोगन ने मस्क से पूछा, ‘आपकी पत्नी कहां हैं?’ इस पर मस्क ने बताया ‎कि तलाक के बाद से वह सैन फ्रांसिस्को में हैं, और वे पुत्र पर ध्यान देते हैं।मस्क के कनाडाई सिंगर ग्रिम्स से तीन संतान हैं। पती का पहला बच्चा एक्स एई ए12 मई 2020 में पैदा हुआ था।दोनों से एक्सा डार्क साइडरेल मस्क नामक पुत्री भी है। तीसरा टेक्नो मैकेनिकस नामक संतान की जानकारी इसी महीने दी गई। मस्क और ग्रिम्स ने कभी शादी नहीं की, हालांकि टेक अरबपति ने पहले कनाडाई लेखिका जस्टिन विल्सन और अंग्रेज अभिनेत्री तलुलाह रिले से शादी की थी।

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति एर्दोगन ने टेस्ला से तुर्की में अपना 7वां कारखाना खोलने की बात की। एर्दोगन ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि तुर्की कृत्रिम बुद्धिमत्ता और स्टारलिंक पर सहयोग के लिए तैयार है। वहीं, बातचीत के दौराम मस्क ने कहा कि टेस्ला की फैक्ट्री के लिए तुर्की सबसे उपयुक्त जगहों में से एक है। जल्द ही स्पेस-एक्स स्टार लिंक की सेवाएं तुर्की को प्रदान करेगा, इसके लिए अधिकारियों से बातचीत शुरू की जाएगी। वहीं, मस्क को सितंबर के अंत में इज़मिर में तुर्की एयरोस्पेस और प्रौद्योगिकी महोत्सव ‘टेक्नोफेस्ट’ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के जरिए स्कूलों में शिक्षक की नौकरी पाने के मामले 68 लोगों पर एफआईआर होने के बाद अब असिस्टेंट प्रोफेसरों के दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कालेजों में दिव्यांग कोटे से हुई सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में निशक्तता को लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों के आधार पर उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों को पत्र लिखा है कि अब वर्ष 2018 में आयोजित सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी की परीक्षा देकर दिव्यांग अथवा निशक्तता सर्टिफिकेट लगाने वाले सहायक प्राध्यापकों की निशक्तता की जांच संभागीय मेडिकल बोर्ड से कराई जाए। नियम है कि जांच में 40% से अधिक निशक्तता पाई जाती है तभी प्राचार्य द्वारा कार्यभार ग्रहण कराया जाए, लेकिन कई कॉलेजों में ऐसा नहीं किया गया। उच्च शिक्षा विभाग को शिकायत मिली है कई लोगों की निशक्तता 40% से कम है और बैरा टेस्ट भी नहीं कराया। वर्ष 2018 में हुई परीक्षा से नियुक्त सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी जिन्होंने दिव्यांग सर्टिफिकेेट लगाया था, उनकी मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जा रही है। इस संंबंध में अंचल के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं