इस्‍लामाबाद। आतंकवादी ‎‎निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच ‎विवाद चल ही रहा है ‎कि इधर पा‎किस्तान ने कुलभूषण जाधव का मामला उठा ‎दिया है। ‎मिली जानकारी के अनुसार खालिस्‍तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या को लेकर चल रहे व‍िवाद में अब पाकिस्‍तान भी कूद पड़ा है। पाकिस्‍तान के व‍िदेश सचिव सयरुस काजी ने कुलभूषण जाधव वाला राग फिर से अलापते हुए कहा कि कनाडा के खुलासे से उसे कोई आश्‍चर्य नहीं है। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के सत्र में हिस्‍सा लेने न्‍यूयॉर्क पहुंचे काजी ने भारत पर आतंकवाद फैलाने का बेबुनियाद आरोप लगा दिया। उन्‍होंने दावा किया कि पाकिस्‍तान ने भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को बलूचिस्‍तान से अरेस्‍ट किया हुआ है। कुलभूषण जाधव को पाकिस्‍तानी कोर्ट ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है।

गौरतलब है ‎कि खालिस्‍तान के हमदर्द बने कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपने आरोप के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है लेकिन पाकिस्‍तानी व‍िदेश सचिव ने दावा किया कि इसमें कुछ सच्‍चाई जरूर है। काजी ने कहा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्‍तान को अस्थिर करने में लगे हुए थे। लश्‍कर को पालने वाले पाकिस्‍तान ने कश्‍मीर को लेकर भी जहर उगला और आरोप लगाया कि भारत आतंकवाद फैला रहा है। एक दिन पहले ही पाकिस्‍तान के पूर्व व‍िदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ हमला बोला था। उन्‍होंने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से कहा था कि वह भारत को हिंदू और आतंकी राष्‍ट्र स्‍वीकार कर ले। बिलावल ने कहा, ट्रूडो का बयान बहुत बड़ा आरोप है। दुनिया के सामने भारत का खुलासा हो गया है। कब तब पश्चिमी देश और हमारे मित्र भारत के कृत्‍य की अनदेखी करते रहेंगे। इतना ही नहीं पाकिस्‍तानी विदेश सचिव ने कहा कि केयरटेकर प्रधानमंत्री संयुक्‍त राष्‍ट्र में कश्‍मीर का मुद्दा उठाएंगे। बता दें कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्‍तान ने ईरान की सीमा से पकड़ लिया था। कुलभूषण जाधव को यातना देने के बाद पाकिस्‍तान ने जबरन उनसे वीडियो जारी कराया। पाकिस्‍तान भारत पर आतंकवाद फैलाने के आरोप लगा रहा है लेकिन यह सच है ‎कि खुद कश्‍मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी भेज रहा है। ये आतंकी आए दिन भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले करते रहते हैं।

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फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के जरिए स्कूलों में शिक्षक की नौकरी पाने के मामले 68 लोगों पर एफआईआर होने के बाद अब असिस्टेंट प्रोफेसरों के दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कालेजों में दिव्यांग कोटे से हुई सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में निशक्तता को लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों के आधार पर उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों को पत्र लिखा है कि अब वर्ष 2018 में आयोजित सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी की परीक्षा देकर दिव्यांग अथवा निशक्तता सर्टिफिकेट लगाने वाले सहायक प्राध्यापकों की निशक्तता की जांच संभागीय मेडिकल बोर्ड से कराई जाए। नियम है कि जांच में 40% से अधिक निशक्तता पाई जाती है तभी प्राचार्य द्वारा कार्यभार ग्रहण कराया जाए, लेकिन कई कॉलेजों में ऐसा नहीं किया गया। उच्च शिक्षा विभाग को शिकायत मिली है कई लोगों की निशक्तता 40% से कम है और बैरा टेस्ट भी नहीं कराया। वर्ष 2018 में हुई परीक्षा से नियुक्त सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी जिन्होंने दिव्यांग सर्टिफिकेेट लगाया था, उनकी मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जा रही है। इस संंबंध में अंचल के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं