लखनऊ, 02 अगस्त। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार में प्राविधिक (तकनीकी) शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण का रविवार सुबह निधन हो गया। कमलरानी COVID-19 संक्रमण के कारण लखनऊ के PGI संजय गांधी अस्पताल में भर्ती थीं। उनके निधन की पुष्टि एसजीपीजीआइ के सीएमएस डॉक्टर अमित अग्रवाल ने की।

कमलरानी वरुण के निधन की सूचना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना अयोध्या और बाराबंकी का दौरा स्थगित कर दिया है। योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक की, यहां कमलरानी वरुण को श्रद्धांजलि दी गई, इसके साथ ही निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया, और सीएन ने रविवार के अयोध्या और बाराबांकी दौरों को रद्द कर दिया।

सीएमएस डॉ.अमित अग्रवाल ने बताया कि मंत्री कमलरानी वरुण को सवेयर कोविड-19 निमोनिया हो गया था। इस वजह से वह एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में चली गई थीं। उन्हें बचाने के भरसक प्रयास किए गए, बचाया नहीं जा सका। कोरोना के लिए निर्धारित रेमडेसिविर समेत अन्य  निर्धारित दवाएं उन्हें लगातार दी जा रही थी, लेकिन सुधार नहीं हो रहा था। उनके पूर्व चिकित्सा विवरणों के अनुसार वह डायबिटीज, हाइपरटेंशन व थायराइड से पीड़ित थीं। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। शुरुआत के 10 दिनों में उनकी तबीयत स्थिर रही, लेकिन पिछले तीन दिनों से अचानक गिरने लगी थी। शनिवार शाम करीब 6 बजे तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें बड़े वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। रविवार को सुबह 9:00 बजे उनका निधन हो गया। मंत्री जी की बेटी भी कोरोना पॉजिटिव थी। वह ठीक हो गयी।  

लम्बा रहा राजनीतिक सफर-पार्षद से सांसद फिर राज्य सरकार में मंत्री

लखनऊ में तीन मई 1958 को जन्म लेने वाली कमलरानी वरुण का विवाह 25 मई 1975 को किशन लाल वरुण से हुआ था। कमलरानी वरुण ने बूथ पर घूंघट में मतदाता पर्ची काटने से राजनीति की सीढ़ी चढऩी शुरू की और सांसद-विधायक बनने के साथ प्रदेश की मंत्री तक का सफर तय किया था। योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ लेने वाली कमलरानी वरुण का विवाह एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी किशन लाल से हुआ जो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिबद्ध स्वयंसेवक थे।

बहू बनकर कानपुर आईं कमलरानी ने पहली बार 1977 के चुनाव में बूथ पर मतदाता पर्ची काटने के लिए घूंघट में घर की दहलीज पार की। समाजशास्त्र से एमए कमलरानी पति किशनलाल के प्रोत्साहन पर आरएसएस के मलिन बस्तियों में संचालित सेवा भारती के सेवा केंद्र में बच्चों को शिक्षा के साथ गरीब महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का प्रशिक्षण देती थीं। उन्हे 1989 में भाजपा ने द्वारिकापुरी वार्ड से पार्षद का टिकट दिया था, और वह चुनाव जीत गईं। कमलरानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुई थीं। आरएसएस की सेवा भारती के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली कमल रानी वरुण दो बार लोकसभा भी पहुंचीं और विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ।

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