ग्वालियर, 02 अगस्त। कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात चंबल अंचल में भिंड की बेटी रोशनी भदौरिया के हौसले ने मिसाल क़ायम की है। पिता ने गरीबी के बाद भी उसे गांव से 12 किलोमीटर दूर कस्बे के स्कूल में दाखिला कराया। बेटी ने भी हौसला दिखाया और रोज में 24-25 किलोमीटर साइकिल चलाकर पढ़ाई की। मेहनत रंग लाई और 4 जुलाई को MPBSE के 10th बोर्ड परिणाम में उसे मेरिट लिस्ट में शामिल किया गया। रोशनी को 400 में से 395 अंक मिले, प्रदेश में 8वां स्थान मिला, खास बात यह कि उसे गणित औऱ विज्ञान में शतप्रतिशत अंक मिले। रोशनी की कड़ी साधना और लगन देख कर कुछ समाजसेवी आगे आए। मशहूर वकील विवेक तनखा और मेदांता मेडिसिटी समूह के डॉ.नरेश त्रेहान की पहल पर खुद हीरो साइकिल के पंकज मुंजाल ने रानी को e-Bicycle भेंट की। बेहद खुश रानी अब अपने IAS बनने के सपने को पूरा करने के लिए जुटेगी। गौरतलब है कि रोशनी को मध्यप्रदेश महिला बाल विकास विभाग की ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है।
MPBSE के 10th बोर्ड में टॉप-8 में शामिल रही भिंड की रोशनी भदौरिया को रविवार को एक वेबिनार में e-Bicycle भेंट की गई। भिंड जिले के गांव अजनौल से करीब 12 किलोमीटर दूर मेहगांव कस्बे के सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए रोशनी को रोज 24 किलोमीटर की साइकिलिंग करनी पड़ती थी। प्रतिष्ठित व्यापारिक संस्था कैट की पहल पर मेदांता मेडिसिटी के सीएमडी डॉ नरेश त्रेहान और हीरो साइकिल के पंकज मुंजाल के संयुक्त प्रयासों से रानी को र e-Bicycle मिली। आयोजन के दौरान ही MP के मेधावी बच्चों को हर साल 120 साइकिलें गिफ्ट करने की घोषणा भी की गई।
अब भ्रूण हत्या की शिकार नहीं होंगी, टॉप आएंगीं अंचल की बेटियां
भिंड के अजनौल की रहने वाली रोशनी भदौरिया ने दसवीं में 98.75% अंक लाकर प्रदेश में 8 वां स्थान प्राप्त किया है। छोटे से गांव की रोशनी की कहानी अब मिसाल बन गई है। छोटी सी उम्र में रोशनी रोज 12 किलोमीटर दूर मेहगांव जाती थी और फिर 12 किलोमीटर साइकिल चलाकर वापस अपने गांव आती थी। रास्ते में 4 साल पहले तक तो एक बरसाती नाले पर पुल न होने से बारिश में रोशनी वापस अपने घर नहीं पहुंच पाती थी, उसे अपने रिश्तेदारों के घर रुकना पड़ता था। कन्या भ्रूणहत्या के लिए बदनाम भिंड जिले की बेटी रोशनी की सफलता पर प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने उसे अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है, ताकि अंचल की दूसरी बेटियां भी प्रेरणा लेकर देश-प्रदेश और अंचल का नाम रोशन करें।