ई दिल्ली । घुटने में लगी चोट का इलाज कराकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ‎(Rahul Gandhi) दिल्ली लौट आए हैं। उन्होंने यहा पहुंचकर वैद्यशाला का अनुभव सुनाया। साथ ही ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता साहित्‍यकार एम.टी. वासुदेवन नायर से मुलाकात को भी साझा ‎किया है। गौरतलब है ‎कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को केरल की प्रसिद्ध कोट्टक्कल आर्य वैद्यशाला में अपना आयुर्वेदिक उपचार पूरा किया। उपचार के पश्चात राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें केरल के कोट्टक्कल में कायाकल्प जैसा अनुभव हुआ। बता दें ‎कि राहुल गांधी एक सप्ताह पहले अपने घुटने की चोट की समस्‍या लेकर आर्य वैद्यशाला पहुंचे थे। सूत्रों ने बताया कि वह एक सप्ताह तक आर्य वैद्यशाला में रहे और अपने घुटने का इलाज कराया। उन्होंने एक तस्वीर के साथ फेसबुक पर पोस्ट किया ‎कि कोट्टक्कल की आर्य वैद्यशाला में मेरा रहना एक तरोताजा करने वाला अनुभव रहा। पिछले कुछ दिनों में मेरे साथ साझा किए गए प्यार और देखभाल के लिए डॉ. पी.एम. वेरियर और उनकी टीम को मेरा हार्दिक धन्यवाद। मैं ट्रस्टियों राघव वेरियर, डॉ. के. मुरलीधरन, सुजीत एस. वेरियर, केआर अजय, डॉ. पी. रामकुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. जी.सी. गोपाल पिल्लई और शैलजा माधवन कुट्टी का भी आभार प्रकट करता हूं।

इसी दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 27 जुलाई को ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता साहित्‍यकार एम.टी. वासुदेवन नायर से मुलाकात की थी। एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा था ‎कि केरल की मेरी वर्तमान यात्रा के दौरान कई अद्भुत अनुभवों में से एक ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम.टी. वासुदेवन नायर जी के साथ मेरी मुलाकात थी। नायर जी मलयालम साहित्य के दिग्गज हैं, उनके पीछे छह शानदार दशकों का लेखन है। वह ज्ञान और बुद्धिमत्ता का पावरहाउस हैं। उनके साथ समय बिताना और भारत के दुर्लभ रत्‍नों में से एक को सुनना और सीखना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। उन्होंने आर्य वैद्यशाला परिसर में स्थित श्री विश्‍वंभरा मंदिर में भी पूजा-अर्चना की थी। राहुल ने बाद में राष्ट्रीय ख्याति के केंद्र पीएसवी नाट्यसंघम में कथकली प्रसतुति भी देखी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *