BJP बोली- अब चिंगारी लगाने से बचें पूर्व सांसद
काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी हिंसाग्रस्त मणिपुर पहुँचे हैं। सड़क मार्ग से चुड़ाचाँदपुर जाते समय उन्हें मणिपुर पुलिस ने बिष्णुपुर में रोक दिया। इसके बाद कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। पुलिस आखिरकार लाठी चार्ज करनी पड़ी। पुलिस का कहना है कि राहुल गाँधी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें रोका गया। दरअसल, राहुल गाँधी की यात्रा को लेकर स्थानीय महिलाएँ विरोध कर रही हैं। इसके अलावा, ऑल मणिपुर स्टूडेंट यूनियन (AMSU) ने राहुल गाँधी के आगमन का बहिष्कार करने की अपील की थी। इसके अलावा, कई सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन ने भी कहा था कि राहुल गाँधी मणिपुर न आएँ और यहाँ चिंगारी भड़काने का काम न करें। AMSU के महासचिव ने काँग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “हमारा मानना है कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति यहाँ लगातार शासन करने वाली सरकारों द्वारा की गई राजनीतिक भूलों का परिणाम है और इसमें कॉन्ग्रेस पार्टी की बड़ी भूमिका है।”
AMSU ने इससे पहले के काँग्रेस शासन पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “साल 2012 में काँग्रेस पार्टी ने इंफाल पश्चिमी जिले के चार ग्राम पंचायतों और एक जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र को मणिपुर पंचायती राज प्रणाली से हटा दिया और उन्हें कांगोपी जिले की स्वायत्त जिला परिषद के तहत आने के लिए आवंटित किया गया। इसने एक देश के रूप में कुकी के सपनों को और बढ़ावा दिया।” उन्होंने कहा, हमारा कहना है कि काँग्रेस पार्टी ने ऐसी भयानक राजनीतिक भूल क्यों की। उन्होंने कहा कि मणिपुर की यात्रा करके राहुल गाँधी को राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी राजनीतिक दल मणिपुर आएँगे, उनका विरोध किया जाएगा। AMSU ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे मणिपुर की समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करें।
उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्तमान मुख्यमंत्री को बदला जाना चाहिए। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का विरोध किया। उधर, राहुल गाँधी की मणिपुर यात्रा पर भाजपा ने सवाल उठाया और पहले से ही खराब माहौल को और खराब करने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता संबित पात्रा ने AMSU द्वारा बहिष्कार का हवाला देते हुए राहुल गाँधी को गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार वाला नेता बताया। पात्रा ने कहा कि मणिपुर की स्थिति विरासत के मुद्दे के कारण है, जिसमें काँग्रेस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन मुद्दों का हवाला देना अभी ठीक नहीं है, क्योंकि उनसे जुड़ी संवेदनशीलता है। राहुल गाँधी को मणिपुर आकर चिंगारी नहीं भड़कानी चाहिए। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि राहुल गाँधी और जिम्मेदारी कभी साथ-साथ नहीं चलते।” पात्रा ने आगे कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उनसे हेलीकॉप्टर से जाने की अपील की थी, लेकिन राहुल गाँधी जिद करते हुए सड़क से चले गए।
इस दौरान लोगों ने ‘राहुल गाँधी गो बैक’ के नारे लगाए। उन्होंने कहा, “विष्णुपुर में राहुल गाँधी को रोकना पड़ा और अब खुद ही वो वापस आ रहे हैं। उन्हें और संवेदनशील होना चाहिए। वहाँ के हालात काबू में आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिए।” दरअसल, राहुल गाँधी हेलीकॉप्टर से चुड़ाचाँदपुर की ओर रवाना हो गए हैं। इससे पहले विष्णुपुर में जब उनके काफिले को रोका गया था काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। कहा जा रहा है कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले दागने पड़े। बताते चलें कि चुड़ाचाँदपुर में राहुल गाँधी जा रहे हैं, वह ज़िला सबसे अधिक हिंसा से प्रभावित जिलों में से एक है। 3 मई 2023 से शुरू हुई मणिपुर हिंसा में अब तक 120 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। चुड़ाचाँदपुर में भी कई लोगों ने अपनी जान गँवाई है।