नोएडा । नोएडा प्राधिकरण मसले पर अब किसान उग्र हो रहे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें उनकी जमीन का चार गुना मुआवजा दिया जाए, अन्यथा वे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत नोएडा प्राधिकरण मसलेस पर आज ट्रैक्टर चलाकर किसानों के प्रदर्शन में पहुंचे। उनके साथ हजारों की संख्या में किसान भी मौजूद थे। प्रदर्शन की वजह से महामाया फ्लाईओवर पर लंबा जाम लग गया और वाहन रेंगते रहे। इस दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ राकेश टिकैत ने मीटिंग की। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मौसम ठंडा है लेकिन आंदोलन गर्म होगा। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर आंदोलन करना पड़ेगा। किसानों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जानकारी के अनुसार 1975 के किसानों ने जब मांगों को लेकर हंगामा किया, फिर किसानों के लिए योजना निकली गई।
जो कोर्ट गए उनको 10 प्रतिशत जमीन दी गई गई। अट्टा गांव में पुश्तैनी जमीन पर बने मकान तोड़ दिए गए। इन मकान और जमीन के बदले किसानों को 12 लाख रुपये दिए गए जबकि प्राधिकरण इस जमीन की कीमत 300 करोड़ रुपए बता रहा है। किसानों का कहना है कि हम हर कुर्बानी देंगे। किसानों को 50 मीटर का प्लाट दे रहे हैं। किसानों को 1100 प्रति वर्गमीटर के मुआवजे का आकलन क्यों? उसका 4 गुना दो। किसानों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगे। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण पर अब तक भारतीय किसान परिषद का प्रदर्शन चल रहा था।
भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष बैठक के लिए लखनऊ गए है। ऐसे में आज भारतीय किसान यूनियन ने धरना दिया। इसमें वे किसान शामिल है। जो पिछले एक माह से सेक्टर-18 में प्रदर्शन कर रहे है। किसानों का आरोप है कि सेक्टर-18 में उनकी 1500 वर्गमीटर पर बनी पुश्तैनी करीब 40 साल पुरानी आबादी को ध्वस्त किया गया। जबकि प्राधिकरण के ओएसडी प्रसून ने बताया कि ये जमीन प्राधिकरण की है। हाइकोर्ट में किसान गए थे उनकी याचिका को रद्द कर दिया था। प्रदर्शन के दौरान भाकियू के किसानों का काफिला नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे से महामाया फ्लाईओवर पहुंचा। यहां से गोलचक्कर से नोएडा प्राधिकरण कार्यालय गया।
ग्रेटर नोएडा से नोएडा और डीएससी व उद्योग मार्ग पर भीषण जाम लग गया। काफिले में कई ट्रैक्टर और कार थी, जिनके छत पर बैठकर किसान नारेबाजी करते हुए प्राधिकरण पहुंचे और प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद बैठक का दौर शुरू किया गया। इस दौरान वाहन रेंग-रेंग कर चलते दिखे। धरना स्थल पर ही किसानों के लिए भट्टी लगा दी गई। चार घंटे तक ट्रैक्टर चलाने के बाद धरना स्थल पहुंचे किसानों ने यही पर भोजन किया। इसके बाद प्रदर्शन में शामिल हुए। पहले चरण में सभी किसान प्रतिनिधि मंडल ने राकेश टिकैत को समस्याओं से अवगत कराया। इसके बाद प्राधिकरण अधिकारियों के साथ वार्ता की गई, जिसमें किसानों ने मांगों को लेकर प्राधिकरण को दो महीने का समय दिया है। प्राधिकरण ने आश्वस्त किया है कि आपकी मांगों को शासन के पास भेजकर सकारात्मक रूप से हल जाएगी।