रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘मेक इन इंडिया‘ मिशन को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। हाल ही में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के तुरंत बाद पुतिन ने पीएम मोदी की प्रशंसा की, इसकी टाइमिंग बड़ी अहम है। पुतिन ने कहा कि मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया‘ के देश की अर्थव्यवस्था पर बेहतरीन असर देखने को मिल रहे है। मास्को में एक कार्यक्रम में पुतिन ने न सिर्फ पीएम मोदी की तारीफ की, बल्कि रूस का शानदार दोस्त भी बताया।

जो रूस अचानक भारत के दुश्मन पाकिस्तान को कच्चा तेल बेचकर उससे नजदीकियां बढ़ा रहा था। इसी बीच पीएम मोदी की प्रशंसा करने के क्या मायने हैं। पुतिन ने पीएम मोदी की प्रशंसा की। उसका एक बड़ा कारण तो यही है कि पीएम मोदी का ‘मेक इन इंडिया‘ का विजन। यह इतना तगड़ा है कि इसका फायदा पुतिन को भी दिखा। क्योंकि उनके देश से जंग के दौरान कई कंपनियां चली गईं। सिलसिलेवार तरीके से जानिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत के पीएम मोदी की प्रशंसा के क्या अहम कारण हैं।

1. ही में पीएम मोदी ने अमेरिका की यात्रा की। इससे रूस के दुश्मन अमेरिका से भारत की करीबी जगजाहिर हुई। दोनों देशों की एक बात और कॉमन है कि दोनों दुनिया की समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा के देश हैं। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा स्ट्रेटेजिक पार्टनर है। दोनों के ये रिश्ते भारत को रूस से दूर न कर दें, इससे परेशान पुतिन ने पीएम मोदी य कहें भारत के पक्ष में तारीफ वाले बयान दिए हैं।

2. तो भारत और रूस परंपरागत दोस्त हैं। लेकिन यूक्रेन से पिछले साल फरवरी में शुरू हुई जंग के बाद वैश्विक परिस्थितियां क्रांतिकारी रूप से बदल गई हैं। ऐसे में रूस भारत के दुश्मन पाकिस्तान से करीबी बढ़ा रहा है। पाकिस्तान को कच्चा तेल भी दिया। रूस के मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा भी किया। जाहिर है कि भारत के दुश्मन के साथ करीबी के कारण रूस और भारत के बीच आपसी विश्वास कम हो रहा था।

3. रूस ने हाल के समय में भारत को हथियारों की सप्लाई कम कर दी है। एस 400, युद्धपोत और अन्य हथियार की सप्लाई में यूक्रेन के साथ रूस की जंग बड़ी बाधा बन रही है। भारत ने अपनी रक्षा जरूरतों के लिए इसलिए अमेरिका और दूसरे यूरोपीय देशों की ओर रूख किया है। अमेरिका से भारत को खतरनाक ड्रोन मिल रहे हैं, पैट्रियट मिसाइलें और ऐसे हथियार जिनकी मदद से भारत अपनी दोनों ओर की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा सकता है। जंग के कारण रूस ऐसे हथियारों की सप्लाई नहीं कर पा रहा है। बड़ा घाटा देखकर पुतिन अब भारत की तारीफ करने लगे हैं। वे नहीं चाहते कि कच्चा तेल और हथियार खरीदने वाला भारत कहीं रूस से दूर हो जाए।

4. अमेरिका और रूस के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। यूरोपीय देश और अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध के बाद रूस की हालत कमजोर हुई है। यही नहीं, नाटो देशों के संगठन द्वारा यदि भविष्य में रूस के साथ आमने सामने का टकराव होता है, तो ऐसी स्थिति में भारत ही रूस की मदद कर सकता है। क्योंकि भारत के संबंध अमेरिका से भी उतने ही अच्छे हैं, जितने परंपरागत दोस्त रूस से हैं। डैमेज कंट्रोल का जो काम जिनपिंग नहीं कर सकते हैं, वो काम पीएम मोदी जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं। यह बात पुतिन को अच्छी तरह मालूम है।

 

 

5. हिंद प्रशांत क्षेत्र में रूसी युद्धपोत भी हाल ही में ताइवान की समुद्री सीमा में दिखाई दिए। ऐसे में हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन और रूस का जो गठजोड़ बढ़ रहा है, उससे भारत को यह न लगे कि रूस भी उसके दुश्मन के साथ मिलकर कार्रवाई कर सकता है। पुतिन यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि भारत उसका साझेदार और दोस्त रहा है। चीन की कीमत पर वह भारत को दगा नहीं देंगे। भारत के इस अविश्वास को भी दूर करने की कोशिश रूस करना चाहेगा।

6.रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत के मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट की तारीफ की है। दरअसल, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ साल पहले ‘मेक इन इंडिया‘ पहल के रूप में एक शानदार कॉन्सेप्ट पेश किया था। आज पीएम मोदी की इस पहल का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत स्पष्ट प्रभाव पड़ा है और भारतीय प्रोडक्ट दुनिया में अलग पहचान बना रहे हैं। वहीं विदेशी कंपनियों पर निर्भरता भी कम हो रही है। दूसरी ओर, जंग के बीच अमेजन, गूगल, माइक्रोसॉफट, नोकिया एपल, मैक्डोनल्ड्स जैसी बड़ी कंपनियां रूस से चली गईं। इसका बड़ा खामियाजा रूस को भुगतना पड़ा है। उसकी अर्थव्यवस्था, रोजगार और बाहर से आ रहे निवेश पर बुरा असर पड़ा है। इसलिए पुतिन को पीएम मोदी का विजन ‘मेक इन इंडिया‘ काफी पसंद आया है।

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