लखनऊ, 11 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर लखनऊ में ‘जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में जनसंख्या नियंत्रण तो जरूरी है पर जनसंख्या असंतुलन न होने पाए। सोमवार को सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास कुशल मानव संसाधन हैं तो यह हमारे लिए एक वरदान है, किंतु अकुशल जनसंख्या में वृद्धि प्रशासन के लिए चुनौती बन जाता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विश्व जनसंख्या दिवस पर आयोजित ‘जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा’  में चिता जताई कि उत्तरप्रदेश की जनसंख्या जल्द ही 25 करोड़ हो जाएगी। योगी ने जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों पर केंद्रित बने रहने को आवश्यक बताया। योगी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के साथ ही  इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि किसी एक वर्ग की जनसंख्या बढ़ कर जनसांख्यिकी को असंतुलित न कर दे। योगी ने चिंता जताई कि कोई वर्ग सरकारी प्रयासों का पालन करे औऱ कुछ विशेष वर्ग इसे अमल में न लाए, और बागी समुदायों की जनसंख्या आनुपातिक दृष्टि से कम रह जाए।

कुछ ही समय में भारत की जनसंख्या होगी चीन से ज्यादा और उत्तरप्रदेश की 25 करोड़

सीएम ने कहा कि 100 करोड़ की आबदी तक पहुंचने लाखों वर्ष लग गए लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में महज 183-185 वर्ष ही लगे। इस वर्ष के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है. आज का भारत 135-140 करोड़ जनसंख्या का देश है। इसी दर से बढ़ने पर भारत जल्द ही चीन को पीछे छोड़ देगा और देश का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले प्रदेश की जन संख्या जल्द ही 25 करोड़ पार कर लेगी।

जाति-मजहब के आधार पर जनसंख्या असंतुलन चिताजनक

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है, वहां जनसंख्या असंतुलन चिंता का विषय है क्योंकि रिलीजियस डेमोग्राफी पर भी इसका असर पड़ता है। एक समय के बाद वहां अव्यवस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है, इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से जाति, मत-मजहब, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर समाज में समान रूप से जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम के साथ जुड़ना आवश्यक है। सीएम योगी ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में अच्छे प्रयासों को जन-सहभागिता व अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित कर  आगे बढ़ाया जाए।

सीएम योगी ने कहा जनसंख्या स्थिरीकरण के अभियान में आशा बहनें, आंगनबाड़ी वर्कर, शिक्षक, त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसमें धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए।

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